सीएम की सख्ती, मूल विभागों में जाएंगे संबंद्धता पर तैनात कर्मी

देहरादून। आरएनएस की खबर पर एक बार फिर से मुहर लग गयी। आरएनएस ने 25 अप्रैल को इस अटैचमेंट के खेल का खुलासा करते हुए लिखा था कि अटैचमेंट पर मुख्‍यमंत्री की निगाहें टेढ़ी हो गयी हैं। आज मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने इसकी शुरूआत कर दी है। आज मुख्यमंत्री के कार्यालयों में संबंद्धता (अटैचमेंट) पर तैनात कर्मचारी अपने मूल विभागों जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी संबद्धता समाप्त कर उन्हें मूल विभागों भेजने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उनके कार्यालय से आदेश पर कार्रवाई करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री के राज्य सचिवालय, विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास व देहरादून के अन्य कार्यालयों में कई कर्मचारी संबद्धता पर तैनात हैं। संबद्धता के ज्यादातर मामलों में तैनात कर्मचारियों ने सियासी रसूख और सिफारिश से अपनी तैनाती मुख्यमंत्री के कार्यालय में करा रखी है। लेकिन मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में बदलाव चाहते हैं।

इसे देखते हुए उन्होंने संबद्धता पर तैनात सभी कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेजने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने उच्चाधिकारियों को ताकीद किया है कि तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों की संबद्धता रद्द किया जाए। ऐसे कर्मचारियों की मूल विभाग में अविलंब कार्यभार ग्रहण करना भी सुनिश्चित किया जाए।
संबद्धता पर मुख्यमंत्री के इस कड़े रुख के बाद अब विभागों और कार्यालयों में भी संबद्धता पर खतरा मंडरा गया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालयों से संबद्ध कर्मचारियों की विदाई की पटकथा लिखकर इरादे साफ कर दिए हैं। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रदेश के सभी विभागों और कार्यालयों में संबद्ध कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में भेजने का अभियान शुरू हो जाए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को समय पर दफ्तर आने की अपेक्षा की थी। उनके आदेश के बाद मुख्य सचिव ने राज्य सचिवालय और प्रदेश के सभी कार्यालयों में बायोमीट्रिक से उपस्थिति दर्ज करने की प्रणाली को लागू करने के आदेश दिए। साथ ही लेटलतीफी पर कड़ी कार्रवाई की हिदायत भी दी गई।

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