उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों को पूर्व की भांति राज्यमंत्री का दर्जा दिये जाने का भी प्रयास किया जायेगा। पीएम आवास योजना ग्रामीण का लाभ अभी वर्ग-1 क की भूमि व स्वामित्व कार्ड वालों को ही आवास दिया जा रहा है। जिससे उधम सिंह नगर में 1000 लोग आवास से वंचित रह रहे हैं। इस सम्बन्ध में चौहद्दी निर्धारित कर आवास दिये जाने की व्यवस्था होने तक किसी भी आवास को सूची से डिलीट न किया जाये, इसके लिए डीएम व सीडीओ कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति बेहद सजग व संजीदगी से कार्य किये जा रहे हैं। आयुष्मान योजना से सम्बन्धित शिकायत मिलने पर सम्बन्धितों के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने डीआईजी को निर्देशित करते हुए कहा कि पुलिस थानों एवं चौकियों में जनप्रतिनिधियों को सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाकार उनका सम्मान किया है। यह हमारी भावना है कि जो समय, संसाधन है उससे किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पंचायतों को लगातार सशक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की, मजबूती में त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का सबसे बड़ा योगदान है। त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधि जनता व सरकार के बीच सेतू का कार्य कर रहे है। पंचायते आज लोकतंत्र की मूलभूत ईकाईयां है। पंचायतें ़़सामाजिक न्याय एवं आर्थिक विकास का आधार भी है। सरकारी योजनाओं को क्रियान्वयन करने की असली जिम्मेदारी त्रि-स्तरीय प्रतिनिधियों की है। त्रि-स्तरीय प्रतिनिधि पहले पायदान पर आते हैं, जहॉ से विकास की नीव शुरू होती है।
उन्होंने कहा कि उनका वोट तथा आवास सब ग्राम सभा में होने के कारण उनका रिश्ता-नाता सीधे-सीधे पंचायत से है। त्रि-स्तरीय प्रतिनिधियों की मान्यता व जिम्मेदारी से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में न्याय हेतु सरपंच होता था, जिसके फैंसले को सब मानते थे। जनता की सेवा करने का अवसर मिला है, इसमें कैसे, अपने ग्राम, क्षेत्र, ब्लॉक एवं जिले को अच्छे से अच्छा कर सकते हैं, सभी को आपसी भागीदारी व तालमेंल से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी की सामूहिक यात्रा है। हम सभी एक-एक कड़ी के रूप में है, सभी कड़ियों को पूरी जिम्मेदारी से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में आवेदकों को शीघ्रता से ऋण मुहैया कराने हेतु बैंकों को 15 दिसम्बर की डेड लाइन तय की है। उन्होंने कहा कि 24000 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को भर्ती परीक्षा हेतु आवेदन शुल्क निःशुल्क किया गया है। उन्होंने कहा कि सीडीएस सिविल सेवा एवं अन्य प्रारम्भिक परीक्षाऐं पास करने वाले विद्यार्थियों को कोचिंग, किताबों आदि के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केदारनाथ की पावन भूमि से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश जब 25वॉ स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब राज्य सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणीय एवं आदर्श राज्य होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 21वी सदी का दशक उत्तराखंड का दशक होगा, जो पर्यटन स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नंबर वन बनेगा। उन्होंने कहा बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव ले रही है। उन्होंने कहा हमारी सरकार हर समय जनता की सेवा में समर्पित है।उन्होंने कहा हमारा का प्रण है कि जितना भी समय हमारे पास है उसका प्रत्येक पल और क्षण हम उत्तराखण्ड की जनता की सेवा में समर्पित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत अध्यक्षों, जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों के साथ ही उपनल, पीआरडी, आंगनबाड़ी, भोजन माताओं आदि के बढ़ाये गये मानदेय के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं व उनके शासनादेश एवं क्रियान्वयन की भी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा मानदेय बढ़ाना सिर्फ धनराशि देना नहीं है बल्कि यह आपके सेवा भाव के सम्मान की हमारी भावना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए नई खेल नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा हम प्रत्येक घोषणा के लिए पूर्व सुनियोजित तरीके से वित्तीय खर्च का प्रबंधन कर रहे हैं जिससे हमारी सारी घोषणाएं धरातल पर उतर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा कुमाऊॅ मण्डल में अच्छा कार्य करने वाले पांच ग्राम प्रधानों तथा पांच ग्राम विकास अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा कोरानाकाल में अपनी जान की परवाह किये बगैर पंचायतों में जो कार्य किये वह सराहनीय है तथा पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में वर्तमान में धनराशि ऑनलाईन आंवटित की जाती है, जिससे शतप्रतिशत पैसा पंचायतों के खाते में पहुॅचता है जिससे पंचायतों में पारदर्शिता एवं जबावदेही भी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता सुनिश्चित होने से पढे़े लिखे प्रतिनिधि आ रहे हैं तथा समय से विकास कार्यों में धनराशि व्यय हो रही है।
कार्यशाला में पंचायतीराज विभाग एवं अन्य रेखीय विभागों के विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला में आये हुए समस्त प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया तथा उनके द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया। त्रिस्तरीय पंचायतों में जीपीडीपी, बीपीडीपी एवं डीपीडीपी में पंचायतों की आवश्यकतानुसार प्लान बनाकर अपलोड किये जाने के सम्बन्ध में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया, जिसमें पंचायतें मिलने वाले अनुदान का उचित प्रबन्धन कर उपयोग कर सकें। पंचायते प्राप्त अनुदान के सापेक्ष अपने-अपने क्षेत्र की यथा आवश्यकतानुसार योजनाओं का चयन कर प्लान बनायेंगे, जिससे बजट अनुदान प्रथमतः आवश्यक एवं विकासपरक योजनाओं पर व्यय किया जा सकेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल की अध्यक्षता में किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में विधायक राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल, अध्यक्ष वन विकास निगम सुरेश परिहार, उपाध्यक्ष किसान आयोग राजपाल सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रेनु गंगवार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर मौजूद थे।