‘चिन्मयी’ फिल्म में सिनेमा को मिलेगी नई दिशा : चटर्जी

देहरादून। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से प्रख्यात लेखक एवं चितंक डॉ. गौतम चटर्जी के काव्य स्पर्शीय फिल्म ‘चिन्मयी’ का प्रदर्शन किया गया। फिल्म पर बातचीत का एक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में 40 मिनट की इस फिल्म का 14 मिनट का अंश दिखाया गया। मंगलवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में लेखक डॉ. चटर्जी के अनुसार ‘चिन्मयी शीर्षक की यह फिल्म ‘संध्या भाषा में बनी हुई है। जिसके आधार पर सिनेमेटोगाफर के संदर्भ को समझाने का अभिनव प्रयास किया गया है। फिल्म की मुख्य पात्र चिन्मयी है। वह दो तरह से जीवन जी रही है। यानि दो देहों में एक ही देशकाल और परिस्थितियों में। प्रेम, मृत्यु और जीवन का अर्थ उसके लिए बदल जाता है। फिल्म प्रदर्शन के बाद डॉ. गौतम चटर्जी ने कहा उनका मकसद इस तरह की फिल्मों के निर्माण से माध्यम से सिनेमा को एक नई दिशा, दृष्टि प्रदान करके कला, विज्ञान, दर्शन के तमाम अनछुए पहलुओं को सहज और सरल रूप से उजागर करना रहा है। वरिष्ठ लेखिका गीता गैरोला ने डॉ. गौतम चटर्जी से फिल्म, दर्शन और सामाजिक आयामों पर बातचीत की। बातचीत के पश्चात सभागार में उपस्थित कई श्रोताओं ने उनसे जवाब सवाल भी किए। इस मौके पर दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के अध्यक्ष सुरजीत किशोर दास, दून पुस्तकालय के सलाहकार डॉ. बीके जोशी, एनएस नपलच्याल, वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष पंत, राकेश सकलानी समेत कई साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, लेखक, रंगकर्मी, फिल्मप्रेमी और पुस्तकालय के सदस्य मौजूद रहे।


Exit mobile version