चारधाम पहुंचने के बाद तत्काल दर्शन करने से बचें
चारधाम रूट और धाम में दर्शन से पहले यात्रियों को 48 घंटे का विश्राम कराने की जरूरत : कमेटी
देहरादून। देशभर से यात्रा पर आ रहे कोरोना संक्रमित रहे तीर्थ यात्रियों को चारधाम में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें ज्यादा हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की एक्सपर्ट कमेटी ने इसे देखते हुए श्रद्धालुओं से तत्काल दर्शन न करने और 48 घंटे तक स्थानीय परिस्थितियों में रहने की सलाह दी है। रविवार को सचिवालय मीडिया सेंटर में चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर बुलाई गई पत्रकार वार्ता के दौरान स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने बताया कि चारधाम में हो रही तीर्थ यात्रियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो हेमचंद्रा की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है। एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मैदानी क्षेत्रों से गए यात्रियों का शरीर स्थानीय जलवायु के अनुसार ढल नहीं पा रहा। इससे यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से भी लोगों को हाई एल्टीट्यूट में ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। इस परिस्थिति से बचने के लिए चारधाम रूट और धाम में दर्शन से पहले यात्रियों को 48 घंटे का विश्राम कराने की जरूरत है। कमेटी के चेयरमैन प्रो हेमचंद्रा ने बताया कि चारधाम में हुई मौतों का विश्लेषण करने के बाद पाया गया है कि मैदानी क्षेत्रों से गए लोगों का शरीर हाई एल्टीट्यूट के अनुरूप तुरंत ढल नहीं पा रहा। जबकि कोविड के प्रभावों की वजह से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लोगों को इस बार ज्यादा परेशानी हो रही है। ऐसे में स्वस्थ्य लोगों को ही यात्रा करने की इजाजत देने के साथ ही लोगों को अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने को कहा गया है।
ज्यादातर मौतें बीमार होने के वजह से हुई
एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन प्रो हेमचंद्रा ने बताया कि जांच में पता चला है कि चारधाम यात्रा के दौरान इस साल हुई मौतों में से 60 प्रतिशत ऐसे तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है जो पहले से ही बीमार थे। इन लोगों को अत्यधिक शुगर, बीपी के साथ ही अन्य बीमारियां थी जिसकी वे दवाइयां ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मरने वालों में 60 प्रतिशत लोगों की उम्र भी 60 साल से अधिक थी। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत के करीब ऐसे मरीज थे जिन्हें घोषित रूप से कोविड संक्रमण हुआ था। मालूम है कि अब चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 135 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौतें हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही आएं चारधाम
प्रो हेमचंद्रा ने कहा कि चारधाम बहुत ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में वहां आने से पहले लोगों को अपना स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करा लेना चाहिए। उन्होंने चारधाम में जाने से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग बढ़ाने की जरूरत भी बताई। हालांकि उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं पहले की तुलना में कई गुना बढ़ाई गई हैं। उन्होंने देशभर के लोगों से अपील की कि वे चारधाम यात्रा पर आने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराएं और डॉक्टरों से इस संदर्भ में राय जरूर लें।
चारधाम में 66 प्रतिशत बढ़ी स्वास्थ्य सुविधाएं
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने बताया कि 2019 की तुलना में इस बार चारधाम में 66 प्रतिशत अधिक डॉक्टर तैनात किए गए हैं। 178 डॉक्टर चारधाम में तैनात किए गए हैं। 108 एम्बुलेंस पिछली बार की तुलना में 133 प्रतिशत अधिक हैं। अभी तक दो लाख से अधिक यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई है। 71 हजार से अधिक यात्री ओपीडी में देखे गए हैं। 381 यात्रियों को एम्बुलेंस सुविधा दी गई। पांच हजार से अधिक यात्रियों को आपात कालीन परिस्थितियों में इमरजेंसी इलाज दिया गया है।