चम्पावत में आलू के काश्तकार झेल रहे दोहरी मार
चम्पावत(आरएनएस)। चम्पावत में आलू के काश्तकार दोहरी मार झेल रहे हैं। बारिश कम होने से पहले ही आलू की पैदावार कम हुई। अब संग्रहित किए गए आलू में कीड़ा लगने से उन्हें दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है। चम्पावत जिले के पहाड़ी हिस्से के काश्तकारों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। बुवाई के बाद आलू की खेती के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हो सकी। इससे यहां करीब 70 फीसदी तक आलू की फसल को नुकसान पहुंचने का अनुमान है। अब खुदाई के बाद किसानों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। काश्तकार मोहन पांडेय, देव सिंह, विजेंद्र खाती, त्रिलोक सिंह, मदन सिंह, रघुवर सिंह, अशोक जोशी आदि ने बताया कि संग्रहित किए गए आलू में कीड़ा लग रहा है। इससे आलू की फसल तेजी से सड़ रही है। इससे उन्हें दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। चम्पावत जिले के ढकना बडोला, डुंगरासेठी, पुनेठी, चौकी, फूंगर, फुलारागांव, चैकुनीबोरा, मुड़ियानी, मादली, बाजरीकोट, राईकोट कुंवर, फोर्ती, रायनगर चौड़ी, खेतीखान, देवीधुरा, धूनाघाट में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है। इधर डीएचओ टीएन पांडेय का कहना है कि संग्रहित आलू में कीड़ा लगने की जानकारी नहीं है। शीघ्र किसानों से मिल कर समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाएगी।