चकराता में कैटोनमेंट बोर्ड को हटाने की रक्षा राज्यमंत्री से की मांग

विकासनगर। जौनसार-बावर के सामाजिक संगठन लोक पंचायत ने चकराता से कैंटोनमेंट बोर्ड को हटाने की मांग की है। कहा कि चकराता में आज भी ब्रिटिश शासन द्वारा थोपा गया कानून स्थापिति है। जिसके कारण चकराता क्षेत्र में पर्यटन का विकास ठप हो गया है। लोक पंचायत के सदस्य भारत चौहान ने नई दिल्ली में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के शासकीय आवास पर उन्हे एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें चौहान ने कहा कि चकराता क्षेत्र में विदेशी पर्यटकों को सुरक्षा की दृष्टि लंबे समय से प्रतिबंधित किया गया है। जबकि वर्तमान समय में जब गूगल से हर एक स्थान की बारीकी से जानकारी प्राप्त की जा सकती हैl तब चकराता क्षेत्र में विदेशी पर्यटकों को प्रतिबंधित किया जाना कितना उचित होगा। उन्होंने कहा कि 1869 में ब्रिटिश सेना के कर्नल हयूम द्वारा चकराता छावनी परिषद की घोषणा की गई थी तब ब्रिटिश सेना ने चकराता को अपने आरामगाह के रूप में विकसित किया था। अब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इसलिए चकराता को पर्यटन की दृष्टि से एक नए शहर के रूप में विकसित करने के लिए स्वतंत्र रूप से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छावनी क्षेत्र में सिविल आबादी के लिए अनेक पाबंदियां लगाई गयी हैं, जिसके कारण लोग अपने मकानों की मरम्मत तक नहीं कर पा रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से चकराता घने बाज़, बुरश और देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है। यहां पर पर्यटन की अपार संभावना हैl लेकिन कैंटोनमेंट एरिया होने के कारण यहां का विकास ठप है। इस दौरान एसएमआर जनजातीय महाविद्यालय के चेयरमैन अनिल तोमर भी उपस्थित थे।