उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है घोटाले की आंच

रुद्रपुर। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की आंच शैक्षिक संस्थानों और इंटरमीडिएट कालेज के बाद अब उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। एसआइटी ने शहीद भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में खुले उत्तराखंड ओपन विवि के अध्ययन केंद्र पहुंचकर आवश्यक दस्तावेजों की जांच की। माना जा रहा है कि जल्द ही एसआइटी छात्रवृतति लेने वाले लाभार्थियों से भी पूछताछ शुरू कर सकती है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी जिले भर में 50 से अधिक केस दर्ज कर दो दर्जन बिचौलियों को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही दूसरे चरण की जांच में ऊधमसिंहनगर के 215 शैक्षिक संस्थानों और उनमें अध्ययनरत लाभार्थियों की जांच शुरू कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अब एसआइटी की जांच उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है।
रुद्रपुर महाविद्यालय स्थित ओपन यूनिवर्सिटी के अध्ययन केंद्र पर शुक्रवार को एसआइटी टीम ने पहुंचकर छात्रवृत्ति लेने वाले लाभार्थियों के संबंध में जानकारी जुटाई। एसपी सिटी देवेंद्र पिचा ने बताया कि शैक्षिक संस्थानों की जांच जारी है। शैक्षिक संस्थानों से छात्रवृत्ति लेने वाले लाभार्थियों की सूची भी मांगी गई है।
वहीं दूसरी ओर काशीपुर कोतवाली में दर्ज छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित चार मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम (पीसी एक्ट) बढ़ाए जाने के बाद अब इसकी जांच राजपत्रित अधिकारी से कराई जाएगी। विवेचक एसएसआई कोतवाली सतीश चंद कापड़ी ने समाज कल्याण विभाग के तीन अधिकारियों की भूमिका सामने आने के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। कापड़ी ने बताया कि साल 2019 व 2020 में कोतवाली में अपराध संख्या 666/2019, 665/2019, 369/2020, 111/2020 क्राइम नंबर पर चार मुकदमें छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित दर्ज हैं। बीते दिनों पुलिस की जांच में सामने आया कि घोटाले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग संगठन के अलावा एक सहायक समाज कल्याण अधिकारी और एक पटल सहायक की संलिप्तता रही है। इसके चलते इन चारों मुकदमों में पीसी एक्ट बढ़ा दिया गया है। नियमानुसार पीसी एक्ट से संबंधित मामलों की विवेचना राजपत्रित अधिकारी ही करते हैं। इसलिए इस संबंध में रिपोर्ट सीओ के माध्यम से उच्चाधिकारियों को भेज दी है। अब उच्च अधिकारी तय करेंगे कि आगे की जांच किससे कराई जाए।


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