केंद्र की ओर से जारी एसओपी का सख्ती से होगा पालन : सीएम

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि हरिद्वार महाकुंभ के लिए केंद्र की ओर से जारी एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य की गाइडलाइन पर मंथन किया जाएगा। केंद्र ने कोरोना महामारी के चलते सख्त एसओपी जारी की है। इससे राज्य सरकार भी दुविधा में है। रेल मंत्रालय ने जहां कुंभ में संचालित होने वाली ट्रेनों के संचालन पर ब्रेक लगा दिया है वहीं, हरिद्वार में लगातार व्यापारी केंद्र की एसओपी का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे व्यापार भी पूरी तरह चौपट हो जाएगा। अभी महाकुंभ का मुख्य आकर्षक महामंडलेश्वर नगर भी नहीं बस पाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने साफ किया कि हरिद्वार महाकुंभ में केंद्र की एसओपी का सख्ती से लागू होगी। कोरोना महामारी के लिहाज से सतर्कता बरतना जरूरी है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से कड़े शब्दों में कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा। यहीं नहीं, गाइडलाइन्स का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हालांकि, उत्तराखंड में कोविड महामारी पर काफी ब्रेक लग चुका है, लेकिन कुंभ में देश-विदेश से काफी संख्या में अनुयायी आ सकते हैं। ये महामारी फिर से न फैले, इस लिहाज से केंद्र से सख्त एससोपी बनाई है। बता दें कि मंगलवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में दोपहर साढ़े बारह बजे से मंत्रि परिषद की बैठक भी बुलाई गई है। सूत्रों का कहना है कि कुंभ के साथ ही अन्य कई मुद्दों पर इसमें चर्चा होगी। इस बैठक में निर्णय के बाद बाद राज्य सरकार कुंभ के लिए दो-तीन दिन के भीतर गाइडलाइन जारी कर सकती है।
व्यवहार कुशलता को पैरामिलिट्री फोर्स की ट्रेनिंग शुरू
कुंभ मेला में तैनात पैरामिलिट्री फोर्स को व्यवहार कुलश बनाने के लिए सोमवार को तीन दिवसीय प्रशिक्षण एटीसी हरिद्वार में शुरू हुआ। प्रशिक्षण में सीआईएसएफ और एसएसबी के 5 अधिकारियों सहित कुल 113 जवान प्रतिभाग कर रहे हैं। जवान को मेला ड्यूटी के लिए मानसिक और वैचारिक तौर पर तैयार करने के लिए प्रशिक्षण कराया जा रहा है। इससे पहले एटीसी में उत्तराखंड पुलिस के 15 हजार से अधिक पुलिसकर्मी ट्रेनिंग कर चुके हैं।
मेले में तैनात हुए अर्द्धसैनिक बलों के कई जवान ऐसे भी हैं, जो अपनी कुम्भ तैनाती से पूर्व आतंकवादी, नक्सलाइट एवं अन्य अशांत क्षेत्रों में ड्यूटीरत रहे हैं। इस वजह से जवानों के मन मस्तिष्क पर उसी प्रकार की परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही करने की प्रवर्ति और आदत लंबे समय तक बनी रहती है। जबकि मेले की डयूटी का स्वरूप और प्रकृति किसी भी अशांत क्षेत्र या विवादास्पद परिस्थितियों के बिल्कुल उलट होती है। मेले में स्नान करने आये श्रद्धालुओं के साथ बड़ी ही विनम्रता और आदर के साथ व्यवहार करना होता है।
इसी के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। सोमवार को प्रशिक्षण सत्र को प्रारंभ करते हुए सीओ ट्रैफिक कुंभ मेला प्रकाश देवली ने अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता और उपयोगिता के बारे मे बताया। सत्र के औपचारिक आरम्भ के बाद एएसपी सुरजीत सिंह पंवार ने मेले का परिचय, इतिहास, परंपराओं की जानकारी देकर किया। मेले में पुलिस की भूमिका, व्यवहार और आचरण के विषय में भी बताया गया।

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