स्टोन क्रशर संचालक पर फर्जी बिल बनाने में केस
अवैध खनन के ट्रक को फर्जी बिल काटकर देने के मामले में खनन विभाग, रुडकी के उप निदेशक ने एक स्थानीय स्टोन क्रशर के खिलाफ लक्सर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में जांच के बाद डीएम ने एफआईआर पंजीकृत कराने के निर्देश खनन विभाग को दिए थे। मई 2019 में लक्सर तहसील के कर्मचारियों ने खनिज सामग्री से लदा एक ट्रक पकड़ा था। एसडीएम ने इसे अवैध खनन में सीज कर दिया था। ट्रक चालक प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ नैनीताल उच्च न्यायालय गया था। उसका कहना था कि उसके पास ऑनलाइन रवन्ना, पक्का बिल था। ट्रक ओवरलोड भी नहीं था। फिर भी इसे गलत सीज किया गया है। जबकि तत्कालीन एसडीएम का कहना था कि ट्रक स्वामी एक रवन्ने पर दूसरा चक्कर लेकर जा रहा था। उन्होंने लक्सर क्षेत्र के एक स्टोन क्रशर से काटा गया दूसरे चक्कर का बिल भी न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने डीएम हरिद्वार को जांच कर मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। डीएम के निर्देश पर खनन विभाग ने जांच की तो पता चला कि जारी किया गया स्टोन क्रशर का दूसरे चक्कर का बिल कंप्यूटर से फर्जी बनाया गया है। इसके बाद खनन विभाग के उप निदेशक डॉ. दीपक हटवाल ने गणपति स्टोन क्रशर के संचालक के खिलाफ लक्सर कोतवाली में तहरीर दी थी। कोतवाल हेमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। उधर, क्रशर संचालक संजय ढींगरा का कहना है कि ट्रक ने साढ़े दस बजे उनके यहां से खनिज सामग्री ली थी। कंप्यूटर से फर्जी बिल तैयार किया ही नहीं जा सकता है।