बिरुड़ी पर्व पर पंचायती आंगनों में बिखरी लोक संस्कृति की छटा

विकासनगर। जौनसार बावर क्षेत्र में इन दिनों बूढ़ी दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। बुधवार से शुरू हुए पर्व के दूसरे दिन गुरुवार को बड़ी होलियात के साथ बिरुड़ी मनाई गई। ग्रामीणों ने पंचायती आंगन मे हारूल गीतों पर जमकर नृत्य करते हुए दिवाली का लुत्फ उठाया । क्षेत्र के ठाना, टुंगरा, रिखाड़, बिरमऊ, नगऊ, मागटी, नागथात, बिसोई, मंगरोली, क्वारना, डकियारना, लोरली, कोरवा, सैंज,क्यावा, निथला, बिसोई, हयो,टगरी अस्टाड, गडौल, कचटा, लखवाड़, लकसियार, दुइना, सिला, रामपुर, जिसऊ, भंजरा, सुरेऊ, सकनी, कनबुआ, अलसी, ककाड़ी, उभरेऊ, मंडोली, लेल्टा, पाटा आदि सैकड़ों गांवों में दीपावली का जश्न ग्रामीणों ने जमकर मनाया। ग्रामीणों ने दीपावली के दूसरे दिन को बिरुड़ी के रूप में मनाया। मंदिर में ग्रामीणों ने अखरोट एकत्र किए, जिन्हें गांव के स्याणा ने देवता के मंदिर से पंचायती आंगन में फेंका। ग्रामीणों ने इन अखरोटों को शीरावा (प्रसाद) के तौर पर ग्रहण किया। ग्रामीणों के बीच इस प्रसाद को पाने की होड़ लगी रही। ग्रामीणों ने इस मौके पर विशेष रूप से गाई जाने वाली हारूल गाकर पूरी रात आंगन में जमकर नृत्य भी किया। पर्व पर विशेष रूप से बनाये जाने वाले चियुड़ा (धनियाटो) और स्थानीय व्यंजन गुडोई (गुड़ की बनी मीठी रोटी) का सेवन किया गया। लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर पर्व की बधाई देकर पकवानों का आनंद भी लिया।


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