2 बच्चों के खातों में आये करोड़ों रुपये तो पूरा गांव पासबुक लेकर पहुंचा बैंक, जानें क्या है मामला

पटना। बिहार के कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड के पस्तिया गांव में लोग अचानक अपनी अपनी बैंक पास बुक लेकर बैंक पहुँच गए। और बैलेंस चेक करने के लिए कई बैंकों की लाइन में लगकर अपना बैलेंस चेक करने लगे। लेकिन सवाल ये है की ऐसा हुआ क्यूँ ? आपको बता दें की गांव के रहने वाले दो स्कूली बच्चों के खाते में रातों-रात इतनी मोटी रकम आ गई, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते या फिर इतनी रकम किसी अमीर व्यक्ति के भी खाते में नहीं होती है। और वो राशि थी 960 करोड़ से अधिक। बच्चों के बैंक खाते में इतनी बड़ी राशि आने के बाद से पूरे इलाके में लोग अपना बैलेंस चेक करने लगे। और देखते देखते कई बैंकों मे गाँव के लोग हाथ मे पासबुक लिए बैलेंस चेक करने लगे।

मामला कटिहार जिले की बघौरा पंचायत के पस्तिया गांव का है। यहां गुरुचरण विश्वास और असित कुमार कक्षा 6 में पढ़ते हैं। इनका उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भेलागंज शाखा में खाता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बुधवार 15 सितंबर को बच्चे ड्रेस की राशि के बारे में पता करने के लिए CSP यानी ग्राहक सेवा केंद्र पहुंचे। पता चला कि दोनों के खातों में तो करोड़ों रुपए हैं। गुरुचरण विश्वास के खाते में 62 करोड़ रुपये से अधिक की रकम दिख रही थी। जबकि असित कुमार के खाते में 905 करोड़ नजर आ रहे थे।

मामले की जानकारी बैंक के अधिकारियों को हुई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच कराई गई, तब जाकर असलियत का पता चला। शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिलते ही बच्चों के खाते से भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। सीनियर अधिकारियों को जानकारी देकर तहकीकात कराई गई। बैंक के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सनत कुमार ने बताया कि दोनों बच्चों के खातों के स्टेटमेंट निकलवाए गए। पता चला कि असित कुमार के खाते में 100 रुपया बैंलेस है। गुरुचरण के खाते में 128 रुपये थे। हमारी भेलागंज ब्रांच में किसी के खाते में 960 करोड़ रुपये नहीं आए। सीएसपी सेंटर पर इतनी बड़ी रकम दिख रही थी तो कुछ तकनीकी दिक्कत रही होगी। बैंक से ऐसा कुछ नहीं हुआ।

इस मामले को लेकर जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये खाते में जमा होने जैसी कोई बात नहीं थी। यह सब सॉफ्टवेयर की गलती से हुआ था, जिसे बाद में ठीक कर दिया गया। उन्होंने कहा कि, हमें जानकारी मिली थी कि आजमनगर में 2-3 छात्रों के अकाउंट में बहुत ज्यादा राशि दिख रही थी। सुबह-सुबह बैंक की ब्रांच को खुलवाकर जांच कराई गई। बैंक मैनेजर से स्टेटमेंट निकलवाया गया। इसमें बच्चों के खाते में बैलेंस 100 रुपया ही था। मैनेजर ने बताया कि सॉफ्टवेयर की कुछ त्रुटि हुई थी। इसी की वजह से कुछ समय के लिए बच्चों के अकाउंट में इतनी रकम दिखी थी। लेकिन असल में खाते में उतने पैसे जमा नहीं हुए थे। पटना से सॉफ्टवेयर की जो प्रॉब्लम थी, उसे ठीक कर दिया गया तो फिर से खाते में जो नॉर्मल जो उनका बैलेंस था, वो दिखने लगा।

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