भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड को लेकर हरदा ने सरकार को घेरा

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड को लेकर सरकार को कठघरे में किया है। रावत ने कहा कि या तो सरकार इस मामले की एसआईटी या विधानसभा की स्वतंत्र कमेटी बनाकर जांच करानी चाहिए। और यदि लगता है कि घोटाला नहीं हुआ है तो बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल पर मंत्री को बदनाम करने के आरोपों में अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सत्याल के बीच बोर्ड में घोटाले को लेकर एक साल तक जुबानी जंग चलती रही है। पिछले दिनों ने सरकार ने अप्रत्याशित तरीके से बोर्ड अध्यक्ष की छुट्टी कर दी है। रावत ने सवाल उठाया कि सत्तारूढ़ दल के रूप में कर्मकार बोर्ड का घटनाक्रम क्या भाजपा सरकार को शर्मसार नहीं करता है? कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए गये सत्याल ने कई गंभीर आरोप कर्मकार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, बोर्ड की सचिव और राज्य सरकार के श्रम मंत्री के ऊपर लगाए।
हरीश ने कहा कि मीडिया में भी काफी कुछ प्रकाशित हुआ है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में जांच की बात भी कही थी। लेकिन अब अब एक घटनाक्रम के तहत बोर्ड अध्यक्ष सत्याल को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इससे माना जाए कि क्या कर्मकार बोर्ड में कोई घोटाला नहीं हुआ? घोटाले की यहीं पर इतिश्री मान ली जाए? रावत ने कहा कि यदि सत्याल के लगाए आरोप यदि समाप्त नहीं हुए हैं तो सरकार को तत्काल कर्मकार बोर्ड मामले की स्वतंत्र एजेंसी से एसआईटी बनाकर या विधानसभा की समिति बनाकर जांच करानी चाहिए। यदि सरकार को लगता है कि भ्रष्टाचार नहीं हुआ है तो अपनी ही पार्टी के मंत्री को बदनाम करने के आरोप में सत्याल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।बकौल रावत, यदि इन दोनों में से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है तो इसका अर्थ है कि कर्मकार बोर्ड में जो हुआ उस पर केंद्र सरकार की सह से राज्य सरकार पर्दा डालने का काम कर रही है।

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