भारतीय रेल के बेड़े में जल्द शामिल होंगी 44 नई वंदेभारत एक्सप्रेस

देश में पिछले दो साल में ट्रेन हादसे से एक भी मौत नहीं

नई दिल्ली (आरएनएस)। देश में जल्द ही 44 नई बंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का पटरी पर उतारने की तैयारी तेजी से की जा रही है। वहीं माल गलियारे के रूप में ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का काम तेजी से आगे बढ़ा है। मसलन इस दिशा में 2014 तक 10 हजार करोड़ निवेश की तुलना में 2014 से 2019 तक 40 हजार करोड़ का निवेश किया। रेल संरक्षा को प्राथमिकता देने के कारण पिछले दो साल में हुए ट्रेन हादसों में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई।
लोकसभा में यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों 2021-22 पर चर्चा पर जवाब देते हुए दी। उन्होंने कहा कि पहले आए दिन रेल दुर्घटनाओं में यात्रियों के घायल और मृत्यु होने की सूचना आती रहती थीं, लेकिन बीते दो वर्षों में मार्च 2019 से मार्च 2021 तक एक भी यात्री की रेल दुर्घटना में मौत नहीं हुई है। रेल मंत्री गोयल ने कहा, सुरक्षा पर इतना अधिक जोर दिया गया है कि दो वर्ष में एक भी यात्री रेल हादसे में हताहत नहीं हुआ है। रेलमंत्री ने कहा कि दो वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो गई हैं। एक दिल्ली से बनारस जाती है, तो दूसरी वैष्णो देवी जाती है। दोनों प्रमुख स्थल हैं, एक से जाकर काशी विश्वनाथ का दर्शन कर सकते है, तो दूसरी से माता वैष्णो देवी के दर्शन। हमने 44 और वंदेभारत का कार्य शुरू कर दिया है, उनकी बोगियों का ऑर्डर दे दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एक समय आयेगा, जब हर सांसद चाहेगा कि उसके क्षेत्र में वंदे भारत एक्सप्रेस आये। भारत की फैक्ट्रियों में बनी वंदे भारत देश में क्रांति लाएंगी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ रूटों पर हमेशा वेटिंग लिस्ट रहती है, इसके लिये हमने नया रास्ता निकाला है। जिस रूट पर वेटिंग लिस्ट अधिक रहती है, उसके आगे या पीछे एक विशेष क्लोन ट्रेन चलाई जाती है, ताकि वेटिंग लिस्ट नियंत्रण में रहे।

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर शुरू होंगे डेडिकेटेड फ्रेड कोरिडोर
रेल मंत्री ने आगे कहा, ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का काम आज से 15 साल पहले शुरू हुआ था। 2014 तक मात्र 10 हजार करोड़ निवेश हुआ। हमने 2014 से 2019 तक 40 हजार करोड़ का निवेश किया। जब भारत आजादी के 75 वर्ष मनाएगा, तो दोनों डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर शुरू हो जाएंगे। रेल मंत्री ने आगे कहा, क्या फ्रेट कोरिडोर को बनने में 17 वर्ष लगने चाहिये? इसके बदले यदि सरकार जमीन अधिग्रहण कर उसकी बोली लगाए, तो निजी क्षेत्र अपना निवेश लाकर इस कार्य को पूरा करेगा और सेवाएं देगा। यदि हमें एक वैश्विक ताकत बनना है तो लॉजिस्टिक क्षेत्र में लागत कम करनी होगी। सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में हम सफल होंगे। इसी दृष्टिकोण को लेकर नेशनल रेल प्लान बना गया है।

80 फीसदी ट्रेनें हुई शुरू
उन्होंने आगे कहा, खाद्य प्रसंस्कृत उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू में टमाटर, प्याज, और आलू पर किराये में 50 फीसदी की छूट दी थी। अब इसे बढ़ा कर किसान रेल में जाने वाले अन्य फलों, सब्जियों पर भी 50 फीसदी की छूट दी जा रही है। आज लगभग 80 फीसदी मेल एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हो गई हैं, 91 फीसदी उपनगरीय ट्रेन शुरु हो चुकी हैं और पैसेंजर ट्रेन धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं।
आज तक 43 रूटों के ऊपर 377 किसान रेल चल चुकी हैं, जिसमें फल, सब्जियां, और किसानों की उपज का परिवहन किया जाता है। हमने फूलों को भी किसान रेल के माध्यम से भेजना शुरू किया है। लातूर और उस्मानाबाद से 650 किलो फूल किसान रेल के माध्यम से कुर्दुवाड़ी स्टेशन से दिल्ली आदर्शनगर भेजे गये।

फ्रेट लोडिंग को 70 से 80 फीसदी बढ़ाएंगे
रेल मंत्री ने सदन में कहा, हमारी कोशिश ये है कि फ्रेट लोडिंग को 2024-25 तक 70 से 80 फीसदी बढा दें, जिससे सामान को रेलवे से दूर-दूर तक पहुंचाने की सुविधा हो। चाहे वो किसान हो, उद्योग हो, या फिर कोई पार्सल ही क्यों ना हो। कोरोना के दौरान रेलवे ने देश के कोने-कोने तक कोयला, अनाज, दवाईयां, फर्टिलाइजर्स पहुंचाए हैं। पूरे देश में कहीं भी अनाज की कमी नहीं हुई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न पहुंचाने का जरिया भी रेलवे बनी। श्रमिकों के लिये आरपीएफ के जवान दिन-रात परिश्रम करते रहे। दो करोड़ निशुल्क भोजन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में रेलवे ने दिया। दो करोड़ 16 लाख पानी की बोतलें रेलवे ने वितरित कीं, ताकि हमारे श्रमिक भाई-बहन सुरक्षित घर पहुंचे।