चीन की अब खैर नहीं, नौसेना को मिला शक्तिशाली आईएनएस विशाखापट्टनम
नई दिल्ली (आरएनएस)। दूश्मन देशों के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। सागरीय सीमा की सुरक्षा के लिए नौसेना को एक और घातक युद्धपोत मिल गया है। नौसेना ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई के मझगांव डॉक पर तैयार हुआ पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत पी15बी विशाखापट्टनम 28 अक्टूबर को भारतीय नौसना को सौंपा गया। नौसेना के अनुसार यह जंगी पोत अब नवंबर के अंत तक पूरी तरह से नौसेना में शामिल हो जाएगा।
अत्याधुनिक घातक हथियारों से लैस विशाखापत्तनम का पिछले एक वर्ष से ट्रायल चल रहा है। गहरे सागर समेत सभी हथियारों के टेस्ट में यह युद्धपोत खरा उतरा है। जल्द ही नौसना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। भारतीय सेना के प्रॉजेक्ट 15बी के तहत विशाखापत्तनम का निर्माण किया गया है। 2015 के करीब पहले बार इसी पानी में उतारा गया था। अत्याधुनिक तकनीक एंव घातक हथियारों से लैश युद्धपोत में 312 कर्मियों की रहने की व्यवस्था की गई है। मझगांव डॉक में बने विशाखापत्तनम का डिजाइन नौसेना के डिजाइन महानिदेशालय ने तैयार किया है। जहाज के निर्माण के इस्तेमाल हुए कठोर स्टील का निर्माण देश में ही किया है, जबकि इससे पहले युद्धपोत में लगने वाले स्टील के लिए भारत को दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है। 164 मीटर लंबाई वाले युद्धपोत पर सभी उपकरण और हथियारों की तैनाती के बाद कुल वजन 7,500 टन हो गया है।