भारत के पश्चिमी तट पर मंडराया साल के पहले चक्रवाती तूफान तौकते का खतरा, आईएमडी ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली (आरएनएस)। देशभर में मौसम का मिजाज इन दिनों काफी गर्म है। हालांकि उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हल्की बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच देश के पश्चिमी तट पर चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस सप्ताह के अंत में साल का पहला चक्रवाती तूफान पश्चिमी तट से टकरा सकता है। इसके बन जाने के बाद चक्रवात का नाम तौकते रखा जाएगा, जिसका अर्थ है अत्यधिक आवाज वाली छिपकली, जो कि म्यांमार की ओर से दिया गया नाम है।
आईएमडी ने कहा कि 14 मई (शुक्रवार) सुबह दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र में उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे और धीरे-धीरे तेज होने की संभावना है। इससे लक्षद्वीप और केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में बारिश और स्क्वॉली मौसम की संभावना की बात कही गई है।
आईएमडी ने भविष्यवाणी की कि कम दबाव वाला क्षेत्र 16 मई (रविवार) के आसपास पूर्वी मध्य अरब सागर में चक्रवाती तूफान में तेजी के साथ विकसित हो सकता है और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ न्यूमेरिकल मॉडल गुजरात और दक्षिण में कच्छ क्षेत्रों की ओर होने की संभावना को दर्शाते हैं, जबकि अन्य दक्षिण ओमान की ओर इसके जाने के संकेत देते हैं।
चक्रवात चेतावनी विभाग की प्रमुख सुनीता देवी ने कहा कि यह एक या दो दिन में साफ हो जाएगा। एक बार शुक्रवार (14 मई) तक कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद हम इसके आगे की भविष्यवाणी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में न्यूमेरिकल मॉडल बहुत अस्पष्ट है। फिर भी हम एहतियाती कदम के रूप में इस स्तर पर भविष्यवाणी के साथ आए हैं ताकि गहरे समुद्र में मछुआरे शुक्रवार तक तट पर लौट सकें।

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