भगवानपुर के गांवों में मनाई गई खुशी

रुड़की।  कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान पर चुड़ियाला, करौंदी, नन्हेड़ा अनंतपुर, रायपुर समेत कई गांव में किसानों ने एक दूसरे मिठाई खिला खुशी जताई। भाकियू (तोमर) गुट के युवा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान कहा कि किसानों को उम्मीद थी कि सरकार अपना निर्णय बदलेगी। अभी उस दिन का इंतजार है जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। किसान अनिल चौधरी ने कहा कि भले ही एक साल का समय लगा हो लेकिन जीत किसानों की एकजुटता की हुई है। किसान अश्वनी सैनी ने कहा कि फसल बेचने के अलावा खाद, बीज, सिंचाई और अन्य जरूरी योजनाओं का लाभ भी किसानों को मिलना जरूरी है। किसान देशराज ने कहा कि नकदी फसलों के बिना किसान अपनी आजीविका नहीं चला सकते। मध्यम वर्ग के किसान नगदी फसल पर ही आधारित है। कानून वापसी होना अच्छी बात रही।
शहीद किसानों के लिए क्या कर रही सरकार –    भगवानपुर क्षेत्रीय विधायक ममता राकेश ने कहा कि केंद्र सरकार को पहले ही कृषि कानून वापस ले लेना चाहिए था। किसान हित में जरूरी कामों पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि आंदोलन में शहीद हुए किसानों लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है।

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