बेटी के उपचार को लगाई बुजुर्ग माता पिता ने आर्थिक सहायता की गुहार

तीन माह से कोरोना से जंग लड़ रही है युवती, 90 प्रतिशत संक्रमित हो चुके हैं फेफड़े
विकासनगर। कोरोना महामारी ने कई लोगों को अपनों से हमेशा के लिए दूर कर दिया है। जबकि कई परिवार अपने परिजनों का उपचार करते करते आर्थिक तौर पर इतने बेबस हो गए हैं कि उन्हें अस्पताल में मौत के बीच जंग लड़ रहे अपने परिजन के जीवन की रक्षा के लिए सरकार और समाज से आर्थिक सहायता की गुहार लगानी पड़ रही है। ऐसी ही गुहार इन दिनों उदियाबाग निवासी एक बुजुर्ग दंपत्ति ने लगाई है, जिनकी 28 वर्षीय इकलौती बेटी निजी अस्पताल में पिछले तीन माह से कोरोना से जंग लड़ रही है। अस्पताल में भर्ती युवती के फेफड़े नब्बे प्रतिशत संक्रमित हो चुके हैं। आर्थिक तौर पर कमजोर माता पिता ने पहले आयुष्मान कार्ड के तहत अपनी बेटी का उपचार कराया। लेकिन जब आयुष्मान कार्ड की निर्धारित सीमा समाप्त हो गई तो उन्होंने अपनी संपत्ति बेचकर उपचार जारी रखा। युवती के पिता अजय कुमार ने बताया कि अब उनके पास अस्पताल में उपचार जारी रखने के लिए पैसा नहीं बचा है। लोगों की मदद से उन्होंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद कुछ लोगों ने मदद की है। लेकिन अभी भी उपचार के लिए काफी पैसे की जरूरत है। समाज सेवी रिंकू कन्नौजिया ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इसकी जानकारी ली है। युवती को आईसीयू में रखा गया है, जिसे रिकवर होने में अभी समय लगेगा। लेकिन पैसे के अभाव में बुजुर्ग माता पिता आवश्यक दवाई लेने में भी असमर्थ हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार के साथ ही समाज के सक्षम लोगों से कोरोना से जंग लड़ रही युवती की मदद करने की अपील की है।