जागरूकता : शिकायतकर्ता को मिला चार लाख से ज्यादा का क्लेम
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हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने मैनेजर दी ओरियंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड डिवीजनल ऑफिस ज्वालापुर को उपभोक्ता सेवा में कमी करने और लापरवाही का दोषी पाया है। आयोग ने बेकरी नुकसान राशि चार लाख एक हजार सात सौ छह रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से और अधिवक्ता फीस और शिकायत खर्च दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता ध्रुव अरोड़ा, मालिक मि बेकर्स एंड फ़ास्ट फूड रेलवे रोड,हरिद्वार ने मैनेजर दी ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड डिविजनल ऑफिस जवालापुर व ब्रांच मैनेजर, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स खडख़ड़ी हरिद्वार के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि वह बेकरी व फ़ास्ट फूड का काम करता है। उसने पचास लाख रुपये स्थानीय बैंक से लोन लिया था। इसी दौरान बैंक ने स्कीम के तहत 44 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी सुविधा भी दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता को कोई सूचना नहीं दी थी। शिकायतकर्ता ने तय अवधि में प्रीमियम राशि 9,172 रुपये जमा की हुई थी। बीमा अवधि के दौरान सितंबर 2017 में शॉर्ट सर्किट से दुकान में आग लगने से सामान, फर्नीचर जलकर राख हो गया था। करीब पांच लाख 20 हजार रुपये का नुकसान पहुंचा था। त्योहार की छुट्टी होने पर शिकायतकर्ता ने तीन दिन बाद बैंक मैनेजर को सूचना दी थी। जिसपर बैंक मैनेजर ने उसे उक्त लोन राशि बीमा पॉलिसी में कवर होने की जानकारी दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी को सूचना देकर क्लेम की मांग की।जिसपर बीमा कंपनी ने देर से सूचना देने व औपचारिकता पूरी नहीं करने की वजह बताते हुए शिकायतकर्ता का क्लेम निरस्त कर दिया था।
थक हारकर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी।
उक्त शिकायत की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढ़ा और विपिन कुमार ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवाओं में कमी व लापरवाही का दोषी ठहराते हुए शिकायतकर्ता को नुकसान राशि चार लाख एक हजार 706 रुपये व अधिवक्ता फीस और शिकायत खर्च राशि दस हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। साथ ही, शिकायत के पक्षकार शिकायत दाखिल करने से लेकर वर्तमान तक उक्त धनराशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेने का अधिकारी होगा। आयोग ने स्थानीय बैंक मैनेजर पर कोई आरोप नहीं होने पर उनके खिलाफ शिकायत निरस्त कर दी है।
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