अल्मोड़ा: बंजर पड़ी जमीन को उपजाऊ बनाकर आय अर्जित कर रही लता

अल्मोड़ा। यदि मन में कुछ करने की इच्छा हो और मेहनत करने से भी कोई गुरेज ना हो तो व्यक्ति बड़े से बड़े मुकाम को आसानी से हासिल कर सकता है। इस कहावत को लता कांडपाल ने सच साबित किया है। उन्होंने अपनी मेहनत से बंजर भूमि को फिर से हरा भरा कर दिया। लता कांडपाल अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक के चितई पंत गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा से मास्टर डिग्री और देहरादून से बीएड किया है। करीब 15 वर्षों तक लता ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया और साथ ही गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी प्रदान की। अपने क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी ने लता को काफी चिंतित कर दिया था। साल 2000 में लता ने मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया और पहले ही प्रयास में लगभग 25 हजार का मुनाफा भी अर्जित किया। फिर अन्य महिलाओं को भी मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कृषि व उद्यान विभाग से लाभ लेकर आज अपनी पुरखों की जमीन की तरफ रुख किया और सालों से बंजर पड़ी जमीन को फिर से उपजाऊ बनाकर आय अर्जित कर रही हैं। लता बताती हैं कि उन्होंने अपने गांव की 10 नाली बंजर भूमि को खुद कुदाल पकड़कर हरा भरा किया है। शुरुआती दौर में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परंतु आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। लता ने ना केवल खुद के लिए ही स्वरोजगार की राह चुनी, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान किया है। लता अन्य गांव वालों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं उनसे प्रेरणा लेकर काफी लोग खेती कर रहे हैं और खेती का व्यवसाय फल, फूल रहा है। वर्तमान में उनके पॉली हाउस को बंदरों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है, अब उनको पॉली हाउस बनाने को सरकार से दरकार है।

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