बजरंग दल का नाम लेकर यह बोले वीरप्पा मोइली, आरएसएस और महात्मा गांधी की हत्या का भी किया जिक्र

बेंगलुरू। कर्नाटक चुनाव में पीएफआई और बजरंग दल को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली का बयान सामने आया है। मोइली ने शुक्रवार को कहा कि अगर बजरंग दल नियमों के मुताबिक काम करे और सही आचरण रखे तो उस पर प्रतिबंध का कोई सवाल ही नहीं है। बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिये अपने घोषणापत्र में संगठन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी उस पर निशाना साध रही है। वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस संदर्भ को कांग्रेस द्वारा बजरंग दल को किसी तरह की नोटिस और चेतावनी जारी करने के रूप में देखा जाना चाहिए। इसे इस तरह से नहीं देखना चाहिए कि पार्टी कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने पर बजरंग दल को प्रतिबंधित करने जा रही है।
वल्लभभाई पटेल का जिक्र
पूर्व मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस तत्कालीन गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल के दृष्टिकोण को अपनाएगी। उन्होंने कहा कि पटेल ने आरएसएस से अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं होने के संबंध में एक शपथ पत्र लेने के बाद राष्ट्रीय उसपर से प्रतिबंध हटा दिया था। विधानसभा चुनावों के लिए इस सप्ताह के शुरू में जारी अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी ने कहा कि हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है।
प्रतिबंध पर कही यह बात
मोइली के मुताबिक कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे। मोइली ने कहा कि अच्छी तरह से तैयार घोषणापत्र कहता है कि घृणा-अपराधों और अवैध तथा राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों और व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस संदर्भ में पीएफआई व बजरंग दल का उल्लेख किया गया था। इसी के तहत कहा गया था कि पार्टी प्रतिबंध लगाने की हद तक जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब यह नहीं कि हमने ऐसा कर दिया, हम ऐसा करने जा रहे हैं।
महात्मा गांधी की हत्या और आरएसएस पर बैन की बात
मोइली ने कहा जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, तब पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था और संगठन को गैरकानूनी घोषित करने का आदेश जारी किया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नजरिया था कि हम ऐसा निर्णय नहीं करेंगे, क्योंकि आरएसएस से जुड़े सभी लोग बुरे नहीं हैं, सिर्फ कुछ लोग ही हैं। इसलिए वह चाहते थे कि गृहमंत्री प्रतिबंध हटाएं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध हटाने से पहले, पटेल को आरएसएस से एक वचन मिला था कि वह राजनीति या ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं होगा। आरएसएस द्वारा वह वचन दिया गया था। इस शर्त पर प्रतिबंध हटाया गया था। कांग्रेस ने इस तरह से स्थिति को सुलझाया था। भविष्य में हम भी यही काम करेंगे (बजरंग दल पर प्रतिबंध की स्थिति में)। मोइली ने कहा कि अगर बजरंग दल खुद को घृणा अपराधों, देश-विरोधी या संविधान-विरोधी मुद्दों में संलिप्त नहीं करता है, या अपराधों में शामिल नहीं होता है, तो प्रतिबंध का कोई सवाल ही नहीं है, उन्हें खुद से संयमित व्यवहार करने दें, बस इतना ही, यह (घोषणापत्र) उन्हें दिया गया एक प्रकार का नोटिस है।