बैसाखी पर्व पर देवलगढ़ में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

श्रीनगर गढ़वाल(आरएनएस)। बैसाखी पर्व पर सोमवार को देवलगढ़ स्थित गौरादेवी मंदिर परिसर में आयोजित बीखोत मेले में भक्तों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां गौरा देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। कटलस्यूं और चलनस्यूं पट्टी के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ अन्य क्षेत्रों से भी लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचे। देवलगढ़ मंदिर में क्षेत्र की ईष्ट देवी राजराजेश्वरी की पूजा-अर्चना के साथ मेले का शुभारंभ किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में मॉं राजराजेश्वरी की डोली को झुलाया गया। देवलगढ़ मंदिर के पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल ने बताया कि मेले में बुघाणी व सुमाड़ी गांव का विशेष महत्व है। पूरे साल भर इस मेले का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। मेले का आयोजन बुघाणी गांव (ससुराल पक्ष) द्वारा कराया जाता है। जब सुमाड़ी गांव (मायका पक्ष) के ग्रामीण देवलगढ पहुंचते हैं तब राजराजेश्वरी को झूला झुलाया जाता हैं। देवलगढ़ में प्रत्येक वर्ष बैसाखी मेले का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता है। ग्रामवासी माँ के भजनों के साथ सुमाड़ी से पैदल यात्रा करते हुए बुघाणी पहुचंकर माँ गौरा के मंदिर मे विश्राम करते हैं और पुनः जत्थे के साथ माँ गौरा के मंदिर देवलगढ के लिए प्रस्थान करते हैं। इस दौरान गाँव के सभी बच्चे-बूढ़े माता के भजनों को गाते हुए चलते हैं, जिससे वातावरण माँ गौरा के जै कारों से गुंजायमान रहता है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस पर्व को ध्याणी मेले के नाम से भी जाना जाता है। गाँव-गाँव से ढोल दमाऊँ के साथ जत्थे माँ गौरा के प्रांगण में पहुँचते है। बैसाखी के दिन यहाँ बड़े मेला का आयोजन होता है। इस दिन गौरा देवी को हिंडोला पर मंदिर से बाहर लाया जाता है और मां गौरा के प्रांगण में बुघाणी ग्राम के लोगों द्वारा जयकारों के साथ हिंडोला (झूला) झुलाया जाता है। इस मौके पर पुजारी शक्ति प्रसाद उनियाल, पंकज उनियाल, दीपक उनियाल, दीपक पुंडीर आदि मौजूद थे।

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