बैकुंठ मेले के आयोजन को लेकर डीएम से अनुमति व सहयोग की मांग

श्रीनगर गढ़वाल। पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक बैकुंठ चतुर्दशी मेला व विकास प्रदर्शनी के आयोजन को लेकर श्रीनगर का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम पौड़ी से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मेले का आयोजन कराए जाने की अनुमति व सहयोग देने की मांग की।   नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने कहा कि बैकुंठ मेला श्रीनगर की पहचान रहा है। यह मेला धार्मिक ही नहीं गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ भी माना जाता रहा है। वहीं मेला मनोरंजन, खेलकूद व युवाओं को बड़ा मंच देने में भी सफल रहा है। विगत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण यह मेला भव्य रुप से आयोजित नहीं हो पाया था। इस वर्ष मेला भव्य रुप में हो ताकि लोग कोरोना की दहशत को भूल कुछ पल के लिये मुस्करा सकें। कहा मेले के आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार प्रयास किए जा रहे थे। जिसके क्रम में लगातार शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व जिलाधिकारी पौड़ी, निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन सहित सभी उच्च अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता एवं पत्राचार के बाद भी सकारात्मक सहयोग ना मिलने के बाद गुरूवार को बैकुंठ चतुर्दशी मेला आयोजन के संदर्भ में नगर पालिका सभागार में सभासदों एवं प्रबुद्ध नागरिकों के साथ आवश्यक बैठक कर मेले के आयोजन के संदर्भ में चर्चा की।
सभी प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा मेले के अस्तित्व को बनाए रखने को लेकर मेले के भव्य आयोजन पर सहमति जताई गई। समय के आभाव को देखते हुए एवं बैकुंठ चतुर्दशी मेला व विकास प्रदर्शनी विलुप्ती की कगार पर ना पहुंचे इसके लिए इस पावन अवसर पर एक दिवसीय भजन संध्या के आयोजन करने का निर्णय लिया गया। उसके बाद के कार्यक्रम को वृहद रूप में आयोजित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया। जो कि जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद मेले को भव्य रूप में आयोजित करेगी। बैठक के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी पौडी से वार्ता की। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से ठोस आश्वासन तो मिला है, लेकिन मेला हो इसके लिए पूर्ण आश्वासन नहीं मिल पाया है। कहा समिति का प्रयास है कि मेले का भव्य रूप से आयोजन हो।
श्रीनगर गढ़वाल। पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक बैकुंठ चतुर्दशी मेला व विकास प्रदर्शनी के आयोजन को लेकर श्रीनगर का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम पौड़ी से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मेले का आयोजन कराए जाने की अनुमति व सहयोग देने की मांग की।नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने कहा कि बैकुंठ मेला श्रीनगर की पहचान रहा है। यह मेला धार्मिक ही नहीं गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ भी माना जाता रहा है। वहीं मेला मनोरंजन, खेलकूद व युवाओं को बड़ा मंच देने में भी सफल रहा है। विगत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण यह मेला भव्य रुप से आयोजित नहीं हो पाया था। इस वर्ष मेला भव्य रुप में हो ताकि लोग कोरोना की दहशत को भूल कुछ पल के लिये मुस्करा सकें। कहा मेले के आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार प्रयास किए जा रहे थे। जिसके क्रम में लगातार शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व जिलाधिकारी पौड़ी, निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन सहित सभी उच्च अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता एवं पत्राचार के बाद भी सकारात्मक सहयोग ना मिलने के बाद गुरूवार को बैकुंठ चतुर्दशी मेला आयोजन के संदर्भ में नगर पालिका सभागार में सभासदों एवं प्रबुद्ध नागरिकों के साथ आवश्यक बैठक कर मेले के आयोजन के संदर्भ में चर्चा की।
सभी प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा मेले के अस्तित्व को बनाए रखने को लेकर मेले के भव्य आयोजन पर सहमति जताई गई। समय के आभाव को देखते हुए एवं बैकुंठ चतुर्दशी मेला व विकास प्रदर्शनी विलुप्ती की कगार पर ना पहुंचे इसके लिए इस पावन अवसर पर एक दिवसीय भजन संध्या के आयोजन करने का निर्णय लिया गया। उसके बाद के कार्यक्रम को वृहद रूप में आयोजित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया। जो कि जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद मेले को भव्य रूप में आयोजित करेगी। बैठक के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी पौडी से वार्ता की। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से ठोस आश्वासन तो मिला है, लेकिन मेला हो इसके लिए पूर्ण आश्वासन नहीं मिल पाया है। कहा समिति का प्रयास है कि मेले का भव्य रूप से आयोजन हो।