बघाट बैंक के निदेशक मंडल चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने लहराया परचम

आरएनएस ब्यूरो सोलन। द बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मुख्यालय सोलन के निदेशक मंडल के चुनाव रविवार को संपन्न हुए। बैंक को अपने 07 निदेशक मिल गए हैं। इन चुनाव में कुल 07 ज़ोन से 17 उम्मीदवार अपना भाग्य आज़माने उतरे थे। इस बार के चुनाव पिछले सालों के चुनाव से ज़्यादा आकर्षक रहे क्योंकि एक तो किसी भी जोन में कोई निर्विरोध नहीं जीता। वही दोनों राजनीतिक पार्टियों ने पूरे दमखम से चुनाव लड़ा।

चुनाव के नतीजों की बात करें तो जोन 01 से दिव्यदर्शी सूद के विरुद्ध सुन्दर सिंह ठाकुर ने 172 मतों से जीत दर्ज की। इस दौरान सुन्दर सिंह ठाकुर को 195 वोट हासिल हुए थे। वही जोन 02 में शामती पंचायत के पूर्व प्रधान संजीव कुमार ने 133 मतों के अंतराल से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अशोक ठाकुर पर जीत दर्ज की। संजीव कुमार को यहाँ 288 वोट हासिल हुए थे। इस दौरान जोन 03 में पूर्व में कई बार चेयरमैन रह चुके अरुण शर्मा ने एक बार फिर 378 वोट से आसानी से सीट जीती, इस दौरान 440 वोट हासिल हुए। इस जोन में नवीन अरोड़ा को 5, वीरेंद्र साहनी को 62 मत मिले और 02 वोट रद्द हुए। जोन 04 में अमर सिंह ठाकुर ने 163 वोट से जीत दर्ज करते हुए 208 वोट हासिल किये जहां चमनलाल अत्री को 45 वोट मिले और 5 वोट रद्द हुए। जोन 05 में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। इस सीट पर सोलन नगर निगम की मेयर पूनम ग्रोवर के पति किशन लाल ग्रोवर विजयी हुए और लाज बचाने में सफल हुए हैं। यहां वे 287 मत लेकर सिर्फ 64 वोट से जीते हैं। उनके विरुद्ध अमरदीप पांजा को 223 वोट मिले जबकि 03 वोट रद्द हुए हैं। जोन 06 के मुकाबले में भी कड़ी टक्कर देखने को मिली। यहां कल्पना ठाकुर 199 वोट लेकर नरेंद्र भसीन से मात्र 24 मतों से जीती हैं। यहां नरेंद्र भसीन को 165 मत हासिल हुए हैं और 03 वोट रद्द माने गए। इस बीच बसाल पंचायत के वर्तमान उप प्रधान किरण किशोर जोन 07 से चुनाव लड़े और धर्मेंद्र ठाकुर के विरूद्ध 108 वोटों से जीते। धर्मेंद्र ठाकुर को 221 तो किरण किशोर को 329 मत हासिल हुए हैं इस जोन में 3 वोट रद्द माने गए। जीत का मार्जिन यहां 108 रहा है।

हालांकि बैंक के चुनाव में राजनीतिक पार्टियों का लेना-देना नहीं है लेकिन ऐसा पूरी तरह भी कहना जायज़ नहीं हैं। इन चुनाव में भाजपा के आधिकारिक 03 विजेता हो चुके हैं और दो निदेशक सरकार नियुक्त करेगी। जिसके बाद भाजपा के 05 निदेशक पूरे हो जाएंगे और चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव जीतने के लिए मात्र 05 ही वोट की ज़रुरत होगी। इसलिए साफ़ तौर पर भाजपा का कब्ज़ा चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की सीट पर रहेगा।

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