बच्चों को गर्मियों में कैसे रखें सुरक्षित, बता रही हैं डॉक्टर छाया

जब भी गमियों का मौसम शुरू होता है और सर्दियां जाने लगती है तो ऐसे में ऐसे में सबसे अधिक प्रभावित बच्चे होते हैं। इनको गर्मी से पैदा होने वाली बीमारियों से डर लगने लगता है और ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग क्या क्या नहीं करते पर गर्मियों का ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता हैं, क्योंकि बच्चे इसकी ज्यादा परवाह न करते हुए कभी भी कही भी चले जाते हैं, इसीलिए पेरेंट्स को अपने बच्चों को गर्मी से पैदा होने वाले खतरों से बचाने के लिए कुछ सावधानियों का इस्तेमाल करना बेहद आवश्यक है। इसी विषय को लेकर हमारी संवाददाता मुक्ता नेगी ने श्रीनगर की प्रसिद्ध फिजिसियन डा0 छाया पैन्यूली से बात की प्रस्तुत हैं इसके कुछ प्रमुख अंशः-
डा0 छाया पैन्यूली के अनुसार जैसे जैसे मौमस बदलता है और तापमान बढ़ने लगता है तो बच्चों को धूप में जाने से मना करें और अगर बच्चा बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी पी लेता है या पंखे के नीचे बैठकर पसीना सूखने का इंतजार करने लगता हैं तो उसे ऐसा करने से रोकें और हो सकें तो उसे तुरंत कपड़े बदलने के लिए कहें । इसके साथ ही बच्चों को बताएं कि जब भी उन्हें प्यास लगें तो पानी पीएं क्योंकि गर्मी के मौसम में शरीर को सबसे ज्यादा जरुरत पानी की ही होती है । वैसे तो चिलचिलाती धूप से बच्चों को बचायें परन्तु यदि कभी बच्चों को कहीं बाहर किसी काम से जाना भी पड़ जाएं तो उनका त्वचा की देखभाल के लिए एक तो उन्हें हमेशा कॉटन कपड़े ही पहनाएं और धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें। बच्चों को हमेशा घर का बना भोजन ही खिलाएं और हो सकें तो बाहर का खाना खाने से मना करें साथ ही जंक फूड खाने से भी मना करें। इसके साथ ही गर्मी को मौसम में बच्चों को दो बार नहलाएं ताकि पसीने के कारण उसकी त्वचा को कोई नुक्सान न पहुंच पाए।
डा0 छाया के अनुसार गर्मी के मौसम में पौष्टिक और संतुलित आहार लें। यह आपके शरीर की जरूरत पर निर्भर करेगा। तरल पेय, सूप आदि का प्रयोग अधिक से अधिक करें। खाना को 5-6 बार में बांटकर लें और समय-समय पर पेय पदार्थ लेते रहें। अगर शरीर कमजोर है तो अपने भोजन में हरी सब्जियां, फल, जूस, सूप आदि का प्रयोग ज्यादा करें।
बदलता मौसम आजकल बच्चों को बीमार कर रहा है। कभी सर्द तो कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। इसलिए इस मौसम में अपने बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे कई तरह के वायरल और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखें। बच्चों की पानी की बोतल में थोड़ा सा ग्लूकोज और तुलसी के पत्ते डाल कर दें, ताकि वे ऊर्जावान महसूस करें और स्कूल से वापस आते ही उन्हें शहद मिलाकर गुनगुना पानी पिलाएं। बच्चों को रोज कम से कम आठ गिलास पानी पिलाएं। जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न रहे और पेट की सारी गंदगी बाहर आ जाए। बच्चों के खाने में प्याज, हरी सब्जियां, जूस, फल आदि शामिल करें। बाहर की चीजें जैसे गोलगप्पे, नूडल्स, चाट आदि न खिलाएं। उनका खाने का मन करे, तो घर पर बनाकर खिलाने की कोशिश करें। हर दिन एक सेब और दही जरूर खिलाएं, इससे वे जल्दी से बीमार नहीं होंगे। बच्चों के कपड़ों को एकदम साफ रखें, खासकर जिन कपड़ों को वे पहनकर गार्डन जाते हों, उन्हें अलग रखें और फिर से बिना धोये न पहनाएं।
इसके साथ ही बच्चे को काबोर्नेटेड पेय पदार्थों से दूर रखें, इनसे शरीर सिर्फ डिहाइड्रेट होता है, और शरीर में शुगर (चीनी) का स्तर बढ़ जाता है। गर्मियों में सही आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस सीजन में शरीर को अतिरिक्त उर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि तापमान बढ़ने के साथ शरीर में मैटाबोलिक बदलाव आते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि तेल और वसा से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। मौसमी फलों, सब्जियों और र्प्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए। इससे बच्चे दिन भर सक्रिय रह सकते हैं। गर्मियों के मौसम में आम, लीची, केला, तरबूज, खरबूजा, प्लम और चैरी जैसे ढेरों विकल्प उपलब्ध होते हैं। इसी तरह से घर के भीतर भी बच्चों का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें बीच बीच में पानी और तरल पदार्थ देते रहें। डिहाइड्रेशन कहीं भी हो सकता है, घर के भीतर भी तापमान अचानक बढ़ जाता है।
गर्मियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह पीलिया, त्वचा रोगों और डायरिया की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित रखा जाए। मॉस्क्यूटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें, बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और एंटी मॉस्क्यूटो पैच या जैल इस्तेमाल करें। गर्मियों में खेलों के दौरान सावधानी बरतें चाहे तैराकी हो या अन्य खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटर आदि। खेल के दौरान अपने आप को धूप से सुरक्षित रखना और खूब पानी पीना जरूरी है।
(रिपोर्ट: मुक्ता नेगी)