अतिक्रमण पर चली जेसीबी

कोटद्वार। उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम की ओर से गुरुवार सुबह आठ बजे चिह्नित अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही शुरू की गई। इस दौरान व्यापारियों की प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीखी झड़प भी हुई लेकिन प्रशासन के कड़े तेवर को देखते हुए व्यापारियों को पीछे हटना पड़ा। अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन की ओर से तीन जेसीबी लगाये गये थे और शांति व्यवस्था बनाने के लिए जनपद के विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी बुलाया गया था। 18 नवंबर 2020 को हाई कोर्ट ने नेशनल हाईवे के साथ ही नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे। तब निगम प्रशासन ने नजीबाबाद चौक से मालवीय उद्यान तक अतिक्रमण चिह्नित कर दिसंबर 2020 में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस पर कुछ भवन स्वामियों ने उच्चतम न्यायालय में अपील कर दी। उनका तर्क था कि उच्च न्यायालय ने भवन स्वामियों का पक्ष सुने बिना निर्णय दे दिया। इस पर उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को दूसरे पक्ष की बात सुनने के निर्देश दिये। तब नगर निगम ने 79 भवन स्वामियों की बातों को सुना, जिसमें से 43 भवन स्वामी अतिक्रमण की जद में पाए गए। इस पर निगम ने उन्हें नोटिस जारी कर दिए। इसके बाद व्यापारी एक बार फिर उच्च न्यायालय पहुंचे, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई। याचिका खारिज होने के बाद नगर निगम ने जिलाधिकारी को पत्र भेज अतिक्रमण हटाने के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती का आग्रह किया था। जिस पर जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने कोटद्वार व लैंसडौन के उप जिलाधिकारियों को बतौर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था। नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने बताया कि प्रशासन की ओर से व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया गया था जिसके बाद कुछ लोगों ने अतिक्रमण स्वयं हटाना शुरू कर दिया था लेकिन जिन लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था गुरुवार से उनका अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई।

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