Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राष्ट्रीय
  • अपनी राह से भटक गया है किसान आंदोलन : मोदी
  • राष्ट्रीय

अपनी राह से भटक गया है किसान आंदोलन : मोदी

RNS INDIA NEWS 25/12/2020
default featured image

नया कृषि कानून दस करोड़ छोटे किसानों के लिए वरदान
कहा एमएसपी की गारंटी की जगह अब देशद्रोह के आरोपियों की रिहाई की कर रहे मांग
कानून में कमियां गिनाने की दी चुनौती

नई दिल्ली ,25 दिसंबर (आरएनएस)। नए कृषि कानूनों के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बेहद आक्रामक रवैया अपनाया। किसान आंदोलन के अपनी राह से भटकने का आरोप लगाते हुए पीएम ने कहा कि एमएसपी पर गारंटी की मांग करने वाले लोग अब पोस्टर लगा कर देशद्रोह के आरोपियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। पीएम ने इस दौरान परोक्ष रूप से आंदोलन को वाम विचारधारा के लोगों द्वारा हाइजैक करने का भी आरोप लगाया। कृषि कानूनों को देश के दस करोड़ छोटे किसानों के लिए वरदान बताते हुए पीएम ने नए कानून की कमियां बताने की चुनौती दी।
देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि योजना के मद में 18000 करोड़ की राशि जारी करने संबंधी कार्यक्रम में पीएम ने नए कृषि कानून के विरोधियों और किसान आंदोलन पर पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नए कानून से खेती किसानी की किस्मत बदलेगी। खासतौर पर छोटे किसानों के लिए यह वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि जब नए कानून से किसानों को नए-नए अधिकार मिल रहे हैं, तब इसके विरोध का क्या मतलब है?

पहली बार किसान आंदोलन पर सीधा हमला
पीएम ने पहली बार किसान आंदोलन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरुआत में एमएसपी की गारंटी की मांग हो रही थी। अब इन आंदोलनोंं में गंभीर मामलों के आरोपियों की रिहाई की मांग हो रही है। उनके समर्थन में पोस्टर लगाए जा रहे हैं। टोल खाली करने की मांग हो रही है। आंदोलन के नाम पर ऐसे कई मुद्दे उठाए जा रहे हैं जिसका नए कृषि कानून से कोई जुड़ाव नहीं है। जाहिर तौर पर यह आंदोलन अब भटक गया है।

ममता के बहाने वामपंथियों पर निशाना
पीएम ने कहा कि ममता सरकार के रवैये के कारण पश्चिम बंगाल के सत्तर लाख किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा। राज्य में तीन दशक तक शासन करने वाले वामपंथी इस पर आंदोलन नहीं कर रहे। इस विचारधारा के लोग अब पंजाब पहुंच गए हैं। ये लोग यहां अपने राजनीतिक दुश्मनों के साथ मिल कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं। पीएम ने पूछा कि आखिर वाम विचारधारा वाले पश्चिम बंगाल मेंं किसानों केअधिकारों की लड़ाई क्यों नहीं लड़ रहे।

चुनाव परिणाम ने दिखाया आईना
पीएम ने कहा कि नए कृषि कानून आने और आंदोलन जारी रहने के बीच राजस्थान, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में स्थानीय निकाय के चुनाव हुए। इसमें वोट करने वाले अधिकतर किसान थे। इन राज्यों में आंदोलन चलाने वाले दलों को नकार दिया गया।

भ्रम फैलाने का लगाया आरोप
पीएम ने कहा कि नए कृषि कानूनों पर वही ताकतें भ्रम फैला रही हैं जिन्होंने कभी किसानों का भला नहीं किया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की। यही ताकतें एमएसपी और कांटे्रक्ट फार्मिंग पर भ्रम फैला रही हैं। एमएसपी खत्म होने का सवाल ही नहीं है। हमारी सरकार ने एमएसपी का दायरा बढ़ाया है। जबकि कांटे्रक्ट फार्मिंग संबंधी प्रावधान में कांट्रेक्ट करने वाला किसान की जमीन पर बात भी नहीं कर सकता।
————————–
भाजपा ने की थी बड़ी तैयारी
इस कार्यक्रम में पीएम का संबोधन देश के सभी हिस्से में पहुंचाने के लिए भाजपा ने बड़ी तैयारी की थी। देश के हर तहसील और कई पंचायतों में एलईडी के जरिए लोगों को पीएम का संबोधन सुनाया गया। देश के सभी केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्टी पदाधिकारियों ने अलग-अलग जगहों पर पीएम का लाइव संबोधन सुना।
————————–
पीछे नहीं हटने का संदेश साफ
इस कार्यक्रम के जरिए सरकार ने साफ संदेश दे दिया कि वह नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग को किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी। पीएम का किसान आंदोलन पर सीधा हमला और भाजपा के इन कानूनों के समर्थन मेंं आक्रामक अभियान का संदेश पूरी तरह साफ है। गौरतलब है कि पीएम ने इससे पहले मध्यप्रदेश के किसानों के साथ संवाद किया था। उस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन पर सीधा हमला नहीं किया था।
———————-
आंदोलनकारी किसान संगठनों को अलग-थलग करने की मुहिम
सरकार बीते कुछ दिनों से आंदोलनकारी किसान संगठनों को अलग-थलग करने की लगातार मुहिम चला रही है। इस मुहिम के तहत सरकार ने पहले गन्ना उत्पादक किसानों को साधने केलिए बकाया सब्सिडी राशि जारी करने और चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने की घोषणा की। इसके बाद मध्यप्रदेश में फसल हानि की राशि वितरित की। अब शुक्रवार को नौ करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि योजना की राशि जारी की। सरकार की कोशिश छोटे किसानों को साधने की है। इसलिए पीएम सहित सरकार के कई मंत्री बार-बार नए कानूनों को छोटे किसानों के हित में बता रहे हैं।
—————-

शेयर करें..

Post navigation

Previous: अटल बिहारी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
Next: कोविड-19 टीकाकरण के लिए अगले हफ्ते इन चार राज्यों में होगा रिहर्सल

Related Post

default featured image
  • राष्ट्रीय

करवाचौथ की रात बारह घरों में ठगी, नशीला खाना खिलाकर दुल्हनें जेवर-नकदी लेकर फरार

RNS INDIA NEWS 13/10/2025
default featured image
  • राष्ट्रीय

रील बनाने के नाम पर पुलिस कर्मी के बेटी से दुष्कर्म

RNS INDIA NEWS 12/10/2025
default featured image
  • राष्ट्रीय

एनडीए में सीट बंटवारा हुआ फाइनल, भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर लड़ेगी बिहार चुनाव

RNS INDIA NEWS 12/10/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • राशिफल 15 अक्टूबर
  • मुख्यमंत्री ने प्रदान की विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 196 करोड़ की धनराशि
  • मदरसे में शिक्षिका को कमरे में बुला छेड़छाड़, मौलवी समेत 7 पर केस
  • आरटीओ का फर्जी चालान भेज अधिवक्ता से 5 लाख की ठगी
  • आपदा की जद में आए स्कूलों को समय पर ठीक करें : डीएम
  • स्वदेशी भावना से ही बनेगा आत्मनिर्भर भारत : कुंदन परिहार

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.