अनुपमा हत्याकांड: हाईकोर्ट से पति राजेश गुलाटी की जमानत अर्जी खारिज

देहरादून। हाईकोर्ट नैनीताल ने मंगलवार को देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजेश गुलाटी के जमानत संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए राजेश की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता की ओर से कहा गया गुलाटी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह पिछले 11 साल से जेल में है।
जेल में भी उनका आचरण बहुत अच्छा रहा है। जेल प्रशासन ने अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र भी दिया है। कोर्ट से इस आचरण के आधार पर जमानत की याचना की गई। इसका विरोध करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि इनके खिलाफ निचली अदालत में 42 गवाह पेश हुए थे। सभी ने इस हत्या को निर्मम हत्या बताया। जो आरोप इन पर लगाए गए थे, वह पुलिस जांच में सही मिले थे।

ये है मामला:
राजेश गुलाटी ने 17 अक्तूबर 2010 अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्मम कर दी थी। शव को छिपाने के लिए उसने शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डाल दिया था। अनुपमा के भाई ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद ही हत्या का खुलासा हुआ। देहरादून की कोर्ट ने 1 सितंबर 2017 को राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा एवं 15 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। इसमें से 70 हजार रुपये राजकीय कोष में जमा करने एवं शेष राशि उसके बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए गए थे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version