अनुबंधित ढाबों पर रोडवेज बसों को न रोकने वाले चालकों की खैर नहीं

देहरादून।  अनुबंधित ढाबों पर बस न रोकने की शिकायत को उत्तराखंड परिवहन निगम ने गंभीरता से लिया है। अफसरों का कहना है कि दिल्ली रूट पर चलने वाली हर बस को 282 रुपये और ढाबे की पर्ची डिपो में जमा करनी होगा। अगर पैसे और पर्ची नहीं मिली तो चालक और परिचालक दोनों के खिलाफ जुर्माना होगा। मुख्यालय का यह आदेश सभी डिपो में पहुंचा दिया गया है।
उत्तराखंड परिवहन निगम की लंबे रूट की बसों को रास्ते में ढाबे पर रोका जाता है। ताकि सवारी खाना खाकर आगे का सफर तय कर सके। इसके लिए मुख्यालय स्तर से ढाबों संग अनुबंध किया जाता है। हाईवे पर सुरक्षा के लिए लिहाज से यह जरूरी भी है। लेकिन अक्सर यह मामला सामने आता है कि यात्रियों संग ढाबे में बदतमीजी हुई या फिर रेट को लेकर विवाद। इसलिए मुख्यालय ने आदेश कर दिया कि दिल्ली से आने के बाद स्टाफ को 282 रुपये व पर्ची जमा करना होगी। 282 रुपये अनुबंध के हिसाब से हर चक्कर में ढाबा संचालक को जमा करने होते हैं। हर माह डिपो से यह रकम मुख्यालय जाती है। अब इन रुपयों को बस चालकों को डिपो में लाना होगा। इससे अनुबंधित ढाबों पर न रोकने की शिकायत दूर होगी। इसके साथ ही पैसा भी प्रतिदिन डिपो व वहां से मुख्यालय को जाता रहेगा। यदि पैसा चालक नहीं पहुंचाता है तो उस पर जुर्माने की भी व्यवस्था की गई है। इससे चालकों में कार्रवाई का डर रहेगा।
सूत्रों की माने तो अनुबंधित ढाबे की बजाय अन्य ढाबे में रोकने पर चालक-परिचालक के मजे होते हैं। उन्हें ढाबा संचालक द्वारा पैसे दिए जाते हैं। इसके अलावा खाना व अन्य सामान मुफ्त में। लेकिन हाईवे पर स्थित यह ढाबे वाले इस आड़ में सवारियों को ज्यादा दामों पर सामान बेचते हैं। रेट लिस्ट व गुणवत्ता को लेकर अक्सर विवाद हो चुका है। हाल में किसी सवारी ने शिकायत की थी। जिसके बाद निगम सख्ती के मूड में आ गया।


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