अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर नई शिक्षा नीति पर आयोजित हुई संगोष्ठी

अल्मोड़ा। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सोबन सिंह जीना विवि के शिक्षा संकाय में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020- आजीवन शिक्षा में समुदाय की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। साथ ही परिसर को हरा भरा करने के उद्देश्य से वृहद पौधरोपण अभियान भी चलाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष प्रो विजयारानी ढ़ौडियाल ने एमएड एवं बीएड प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में आजीवन शिक्षा के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षा अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। जिससे ना केवल व्यक्तित्व के विकास में योगदान देती है बल्कि संस्थान, समाज का उत्तरोत्तर विकास के पथ पर ले जाने का काम करतीं है। उन्होंने बेहतर शिक्षा के लिए बुनियादी तत्वों का समावेश करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने 1978 से चल रहीं राष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन 1988, समग्र साक्षरता अभियान, अनौपचारिक शिक्षा, अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम की विकासोन्मुख प्रक्रियाओं पर विस्तारपूर्वक प्रकाश भी डाला। प्रो ढ़ौडियाल ने कहा कि तमाम योजनाओं एवं प्रयासों के बाद भी महिला साक्षरता का राष्ट्रीय सूचकांक अभी भी काफी पीछे है। एनपीई 2020 में आजीवन शिक्षा नीति 2020 आजीवन शिक्षा में मूलभूत साक्षरता जीवन कौशल शिक्षा, बाल विकास एवं सतत् एवं व्यापक शिक्षा (सीसीई) आदि महत्वपूर्ण तत्वों को किया गया है। वहीं, वरिष्ठ प्रो भीमा मनराल ने साक्षर व्यवहार करने पर बल दिया। कहा कि वास्तविक शिक्षा वह है जो समाज का विकास करने में योगदान दे सके। इस मौके पर डाॅ रिजवाना सिद्दिकी, डाॅ संगीता पंवार, डाॅ देवेद्र चम्याल, अंकिता ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मनदीप टम्टा, विजय गोस्वामी, किरन, शैलजा कार्की, रमेश बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

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