पुलकित के एहसानों को चुकाने का वक्‍त आ गया था………

ऋषिकेश। अंकिता की सूचना रिपोर्ट लेने के बाद भी पटवारी वैभव के छुट्टी पर जाने की बात किसी के गले नहीं उतर रही है। अब यह संयोग था या साजिश का हिस्सा, यह तो एसआईटी की जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन उसका छुट्टी जाने को पुलकित से गहरी दोस्ती से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन कहा जा रहा है कि पुलकित के अहसानों का चुकाने के लिए पटवारी छुट़टी चला गया।
बताया जा रहा कि वह पुलकित के हर काम का राजदार था। ऐसे में हो सकता है कि उसे हत्याकांड के बारे में पता चल गया और जांच से बचने के लिए छुट्टी चला गया। यही नहीं वैभव के छुट्टी जाने के बाद चार्ज पर आए पटवारी ने भी रिपोर्ट लिखने में आनाकानी की। पटवारी वैभव प्रताप सिंह और पुलकित आर्य की दोस्ती के चर्चे गंगा भोगपुर में आम हैं।
रिजॉर्ट के कर्मियों के अनुसार, वैभव वहां अक्सर आया करता था। सैकड़ों बार वह रिजॉर्ट की वीआईपी पार्टियों में शामिल रहा। पुलकित के कहने पर पटवारी लोगों को डराया धमकाया भी करता था। सूत्रों के अनुसार, पुलकित इसके लिए उस पर तमाम तरह के एहसान भी करता था। पुलकित उसे हर संसाधन मुहैया कराता था। अंदेशा जताया जा रहा कि पुलकित ने इन्हीं एहसानों की कीमत उससे वारदात के अगले दिन मांगी होगी।
माना जा रहा कि पुलकित ने जो किया या उससे जो हुआ, उसे उसने पटवारी को बता दिया होगा। इसको इससे समझा जा सकता है। 18 सितंबर को अंकिता गायब हुई। 19 सितंबर को शाम चार बजे पुलकित के पीए अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता ने अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी को लापता होने की सूचना पटवारी वैभव प्रताप सिंह को दी।

अब वक्त आ गया था पुलकित के एहसानों को चुकाने का। माना जा रहा कि इसी के चलते सूचना देने के बाद उसने कोई कार्रवाई नहीं की और पटवारी विवेक कुमार को चार्ज देकर छुट्टी चला गया, ताकि उसे कोई जांच नहीं करनी पड़े। उसने अपना फोन भी बंद कर दिया, जो अब तक खुला नहीं है। अगले दिन 20 सितंबर को अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी विवेक कुमार के पास पहुंचे तो कहा कि रिजॉर्ट संचालक ने पहले से गुमशुदगी शिकायत दे दी है।
डेढ़ घंटे तक अंकिता के पिता को बैठाने के बाद तहरीर ली। सूत्रों के अनुसार, पुलकित का कोई परिजन भी चौकी के पास था। वैभव का इस तरह छुट्टी पर जाना संयोग है या वाकई उसने पुलकित की दोस्ती को निभाया यह बात सामने आने में वक्त लग सकता है, मगर मंगलवार को डीएम पौड़ी ने जो कार्रवाई की उससे वैभव की संदिग्धता तो सिद्ध हो ही रही है। अंकिता के परिजन भी जांच की मांग कर रहे हैं।
पटवारी और पुलकित की दोस्ती इतनी गहरी थी कि वह रिजॉर्ट से आने वाली हर शिकायत को पचा जाता था। यहां के पूर्व कर्मचारियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कर्मचारी दम्पति का कहना है कि कई लोगों ने रिजॉर्ट में हो रहे कामों और मारपीट की शिकायत राजस्व पुलिस को करनी चाही थी, लेकिन पटवारी वैभव इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता था। दम्पति को भी उसने रिजॉर्ट में बुलाकर डराया धमकाया था।