
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे देश को झकझोरने वाली है, लेकिन पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के बजाय सरकार मामले को भटकाने और प्रभावशाली लोगों को बचाने का काम कर रही है। अंकिता के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं और प्रदेश की जनता पहाड़ की बेटी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सड़कों पर है, इसके बावजूद सरकार की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। चौघानपाटा स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी और अभिनेत्री उर्मिला सनावर द्वारा सोशल मीडिया पर जारी वीडियो ने मामले को और गंभीर बना दिया है। उन्होंने कहा कि वीडियो में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उनका नाम अंकिता हत्याकांड में कथित वीआईपी के रूप में सामने आया है, लेकिन सरकार इस दिशा में ठोस कार्रवाई से बचती नजर आ रही है। मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि घटना के बाद से ही सरकार निष्पक्ष जांच के बजाय मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से जुड़े अहम साक्ष्य नष्ट किए गए और जांच की प्रक्रिया पर शुरू से सवाल खड़े होते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन और प्रदेश की जनता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रही है, तो सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है। विधायक तिवारी ने कहा कि कांग्रेस अंकिता और उसके परिवार के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी। पार्टी की ओर से चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है और इसी क्रम में पांच जनवरी को अल्मोड़ा में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और हत्याकांड में शामिल कथित वीआईपी की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई जांच सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए। मांग पूरी न होने की स्थिति में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, प्रकाश चंद्र जोशी, सुशील साह, भैरव गोस्वामी, दीपक कुमार सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

