
अल्मोड़ा। ब्राजील के बेलम शहर में 10 से 21 नवंबर 2025 तक आयोजित हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी-30) में अल्मोड़ा के दो युवा — स्निग्धा तिवारी और जनमेजय तिवारी — भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दोनों मंगलवार को सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील रवाना हुए। स्निग्धा तिवारी पर्यावरण कानून विशेषज्ञ और ग्रीन क्लाइमेट सलाहकार हैं। वे ग्लोबल ग्रीन्स की क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप की सचिव के रूप में कार्यरत हैं और सम्मेलन के दूसरे सप्ताह में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। उन्हें ब्राजीलियन पवेलियन में ‘एनर्जी ट्रांजिशन के दौर में अधिकारों की सुरक्षा’ विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है। स्निग्धा इससे पहले भी सीओपी-26, सीओपी-27 और सीओपी-28 सम्मेलनों में ग्लोबल ग्रीन्स का नेतृत्व कर चुकी हैं। इस बार वे जलवायु कार्रवाई, मानवाधिकार, जलवायु वित्त और न्यायपूर्ण ऊर्जा परिवर्तन जैसे विषयों पर अपने विचार रखेंगी। जनमेजय तिवारी पिछले एक दशक से जलवायु परिवर्तन, नुकसान-हर्जाना, अनुकूलन और ग्लोबल साउथ के युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। इस बार वे ‘क्लाइमेट नियो-कोलोनियलिज़्म’ विषय पर एक सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा वे युवाओं की भागीदारी, ऊर्जा संक्रमण के दौरान न्याय और वंचित समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा करेंगे। जनमेजय वर्तमान में उत्तराखंड संस्कृति विभाग में कार्यरत हैं। संयुक्त राष्ट्र का सीओपी (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़) वह शीर्ष वैश्विक बैठक है, जिसमें विश्व के देश जलवायु संकट से निपटने की रणनीतियां और नीतियां तय करते हैं। सीओपी-30 को जलवायु न्याय और सतत भविष्य की दिशा में एक अहम अवसर माना जा रहा है।

