
हल्द्वानी (आरएनएस)। माध्यमिक विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक गृह परीक्षाओं के आयोजन को लेकर नैनीताल और अल्मोड़ा जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है। इस कारण परीक्षा तिथियों में परिवर्तन करना पड़ा है। आरोप है कि दोनों जनपदों के अधिकारियों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से भेजे गए प्रश्नपत्रों की सॉफ्ट कॉपी समय पर प्राप्त नहीं की।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए दोनों मुख्य शिक्षा अधिकारियों से सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अफसरों को अपने दायित्वों के प्रति सजग रहना चाहिए।
जानकारी के अनुसार, अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा हर वर्ष प्रश्नपत्रों की सॉफ्ट कॉपी तैयार की जाती है। इस बार 17 अक्तूबर से शुरू होने वाली परीक्षाओं के लिए भी सॉफ्ट कॉपी तैयार कर निदेशालय ने भेजी थी। लेकिन अल्मोड़ा और नैनीताल के सीईओ ने 8 अक्तूबर तक भी यह कॉपी प्राप्त नहीं की, जबकि अन्य जिलों ने इसे समय पर ले लिया था।
इन सॉफ्ट कॉपियों को प्रिंट कराकर जिला मुख्यालयों से विद्यालयों तक पहुंचाया जाता है। देरी के कारण निदेशक ने 17 और 18 अक्तूबर को प्रस्तावित परीक्षाओं को स्थगित करते हुए अब उन्हें 10 और 11 नवंबर को आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। जबकि शेष परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी।
नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद जायसवाल ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को स्पष्टीकरण भेज दिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा समय पर संपन्न कराना तथा प्रश्नपत्रों को विद्यालयों तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है।
मामले पर निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रश्नपत्रों की सॉफ्ट कॉपी समय पर प्राप्त न करना गंभीर लापरवाही है। इसी वजह से 17 और 18 अक्तूबर की परीक्षाएं अब नवंबर में करानी पड़ रही हैं।