मेडिकल कॉलेज में जनता को यथोचित स्वास्थ्य सम्बन्धित सुविधाएं मिली तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे पूर्व दर्जामंत्री कर्नाटक

अल्मोड़ा। आज प्रेस को जारी एक बयान में पूर्व दर्जामंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने राज्य सरकार एवं मेडिकल कालेज प्रशासन अल्मोड़ा को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज की व्यवस्थाएं जल्द दुरूस्त नहीं हुई और जनता को स्वास्थ्य सम्बन्धित किसी भी परेशानी के लिए अल्मोड़ा से बाहर रेफर होना पड़ा तो वे 15 मार्च से मेडिकल कालेज के प्राचार्य के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। श्री कर्नाटक ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भरसक प्रयासों के फलस्वरूप अल्मोड़ा को मेडिकल कालेज की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से जब वे कांग्रेस नगर अध्यक्ष हुआ करते थे तबसे वे अल्मोड़ा मेडिकल कालेज की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। ये मेडिकल कालेज कांग्रेस के लम्बे संघर्ष की देन है जिसे वर्तमान में सफेद हाथी बना दिया गया है। मेडिकल कॉलेज को एक कंक्रीट की बिल्डिंग के रूप में वो नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए खोला गया मेडिकल कॉलेज मरीजों को कोई राहत नहीं दे सका है। आपरेशन थियेटर,आईसीयू नहीं होने से गंभीर मामलों में मरीजों को मैदानी क्षेत्रों में दौड़ लगानी पड़ रही है। दो वर्ष पूर्व इसका संचालन शुरू कर दिया गया था लेकिन अब तक यहां ओ०टी०को प्रारंभ नहीं किया गया। फलस्वरूप यह मेडिकल कालेज मात्र रेफर सेन्टर बन गया है। जबकि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज बनाने के पीछे ये उद्देश्य था कि अल्मोड़ा सहित बागेश्वर, रानीखेत, पिथौरागढ़ आदि क्षेत्रों के मरीजों को भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। लेकिन वर्तमान के हालात ऐसे हैं कि अधिकांश मामलों में मेडिकल कालेज अपने हाथ खड़े कर दे रहा है एवं मरीजों को हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यदि मरीजों को हल्द्वानी के लिए रेफर किया जाना है तो इस मेडिकल कालेज का औचित्य क्या है? श्री कर्नाटक ने कहा कि वे लगभग दो माह का समय मेडिकल कालेज के अधिकारियों और प्रदेश सरकार को दे रहे हैं कि इन दो महीनों में वे मेडिकल कालेज की व्यवस्थाएं दुरूस्त करें तथा मरीजों को हर सम्भव ईलाज यहां उपलब्ध कराये। यदि ऐसा नहीं होता है तो वे जनहित में विवश होकर भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी मेडिकल कालेज प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी। श्री कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वे अपने ईलाज के लिए अन्यत्र जा सके। ऐसे में उनके लिए मेडिकल कालेज ही एकमात्र विकल्प है। यदि मेडिकल कालेज में भी उनका इलाज नहीं हो पायेगा तो वे दर दर भटकने के लिए मजबूर होंगे जो उन्हें मान्य नहीं है। श्री कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कालेज पर यहां के नेताओं ने बहुत राजनीति कर ली जिसका खामियाजा आज जनता भुगत रही है। श्री कर्नाटक ने कहा कि वे नेताओं की स्वार्थसिद्धि राजनीति का खामियाजा आम जनता को नहीं भुगतने देंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज प्रशासन स्पष्ट रूप से समझ ले कि बिट्टू कर्नाटक राजनीति के उद्देश्य से ये भूख हड़ताल नहीं करेगा। बिट्टू कर्नाटक के भूख हड़ताल पर जाने का उद्देश्य केवल इतना है कि जनता को मेडिकल कालेज में ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि यदि इस भूख हड़ताल से उनकी जिन्दगी भी चली जाती है तो उन्हें कोई अफसोस नहीं होगा क्योंकि मेडिकल कालेज की ढुलमुल नीतियों के कारण न जाने कितने लोगों की जिन्दगी चली गयी है जो बर्दाश्त से बाहर हैं। उन्होंने कहा या तो मेडिकल कालेज प्रशासन अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त करें या फिर 15 मार्च से भूख हड़ताल के लिए तैयार रहें।