ऑल टाइम हाई जीएसटी कलेक्शन से सरकार खुश, व्यापारी मायूस
नई दिल्ली। बीते दिसंबर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन ऑल टाइम हाई क्या रहा, सरकार की बाछें खिल गई हैं। आर्थिक मोर्चे पर सरकार इसे खुशखबरी के तौर पर देख रही है। लेकिन, ट्रेडर्स मायूस हैं। इनका मानना है कि ढेर सारी वस्तुओं टैक्स में बढ़ोतरी हुई है। इससे सरकार की तो झोली भर रही है, लेकिन बिक्री प्रभावित हुई है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते दिसंबर में जीएसटी मद में 1,15,174 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह अभी तक का रिकार्ड है।
कारोबारियों की सेल नहीं बढ़ी
राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो स्पेयर पार्ट्स की के सबसे बड़े मार्केट कश्मीरी गेट स्थित ऑटोमेटिव पार्ट्स मर्चेंट असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विनय नारंग का कहना है कि बहुत सारे आइटम्स के रेट में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इसी पर जीएसटी लगता है, जिससे सरकार का खजाना बढऩा तय है। व्यापारिक दृष्टि से कारोबारियों की सेल नहीं बढ़ी है, बल्कि तमाम प्रॉडक्ट के दाम बढऩे से जीएसटी का अमाउंट बढ़ा है। पैसों की होगी किल्लत
नारंग का कहना है कि व्यापारी बैंक लिमिट पर बिजनेस करते हैं। मान लिया जाए कि किसी ट्रेडर की एक करोड़ रुपए की लिमिट है। अब चीजों के दाम बढ़ गए, तो व्यापारी को पैसों की किल्लत होगी। ऐसे में बिजनेस कैसे होगा? बैंक अपने आप तो व्यापारियों की लिमिट वैल्यू नहीं बढ़ाएंगे। अब लोन पर कारोबार कर रहे व्यापारियों की दिक्कतें बढ़ेंगी। लोन बढ़वाने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ेंगे, जो कि आसान काम नहीं है। छोटी-छोटी चीजों से भी व्यापारी के बिजनेस पर बड़ा असर डालती हैं। जीएसटी का कलेक्शन तो बढ़ गया, लेकिन ट्रेडर्स के सामने मुश्किलें भी आई हैं।
हार्डवेयर एंड सेनेटरी कारोबारी ललित अग्रवाल का कहना है कि सरकार खुश है कि जीएसटी कलेक्शन 1.15 लाख करोड़ रुपए हो गया। हकीकत यह है कि व्यापारियों पर डबल मार पड़ी है। तमाम आइटम्स के कच्चे माल की कीमत 25 से 150 प्रतिशत तक बढ़ गई है। प्लास्टिक के रॉ मैटिरयल के रेट तीन महीने में 100 से 150 प्रतिशत तक बढ़ गए। इससे व्यापारियों की वर्किंग कैपिटल बढ़ गई और सेल घटी है। महंगाई की वजह से सरकार के जीएसटी कलेक्शन की फिगर बढ़ी है। पिछले साल के मुकाबले दिल्ली में बिजनेस कम हुआ है। दिसंबर 2020 का जीएसटी कलेक्शन भी कम रहा। अब बैंक से भी व्यापारियों को सपोर्ट नहीं मिल रहा है। 2-3 महीने पहले एमएसएमई लोन 20 प्रतिशत एक्सट्रा मिला है। सरकार को चाहिए कि एमएसएमई लोन 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर दे, ताकि बाजार में फिर से कारोबारी सुचारू रूप से बिजनेस कर सके।
7 प्रतिशत घटा दिल्ली का जीएसटी कलेक्शन
दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में दिल्ली का जीएसटी कलेक्शन करीब 7 प्रतिशत तक घटा है। 2019 के दिसंबर में दिल्ली से 3,698 करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ था, वहीं 2020 दिसंबर में यह घटकर 3,551 करोड़ रुपए ही रहा। इसमें सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी शामिल है। ट्रेडर्स का मानना है कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के प्रोटेस्ट की वजह से राजस्व में नुकसान हुआ है। एनसीआर से छोटे व्यापारी और ग्राहक दिल्ली में खरीदारी के लिए नहीं आ पा रहे हैं।