अग्नि शमन विभाग ने किया शीशमबाड़ा कूड़े में लगी आग को बुझाने से इंकार
विकासनगर। शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के कूड़े में लगी आग को नौ दिन पूरे हो गये हैं। लेकिन आग अभी तक पूरी तरह से नहीं बुझ सकी है। अब अग्निशमन विभाग ने आग बुझाने से इनकार कर दिया है। हालांकि प्लांट प्रबंधन आग पर नियंत्रण का दावा कर रहा है। लेकिन कूड़े के पहाड़ी टॉप और पश्चिमी क्षेत्र में अब भी जहरीला धुआं निकल रहा है। विभाग का कहना है कि उसके पास और भी कार्य हैं। अब वह प्लांट की आग बुझाने को समय नहीं दे पाएंगे।
शीशमबाड़ा प्लांट परिसर में कूड़े के ढेर में बीते चार अप्रैल को आग लग गई थी। लगातार पिछले आठ दिनों से अग्निशमन विभाग की पांच गाड़ियां रात दिन आग बुझाने में लगी है, लेकिन आग पूरी तरह से नहीं बुझी है। लाखों टन कूड़े के ढेर में पड़े प्लास्टिक और अन्य सामान ने अंदर ही अंदर सतह तक आग पकड़ ली है। जिसके चलते बाहर से आग बुझ रही है लेकिन फिर दूसरी जगहों पर आग सुलगती जा रही है। खासकर पैंतालीस मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ की टॉप पर अब भी आग और धुआं निकल रहा है। प्लांट प्रबंधन आग पर नियंत्रण की बात कह रहा है। लेकिन नियंत्रण होने के बावजूद कूड़े के ढेर से निकल रही आग की लपटें और जहरीला धुआं वातावरण में जहर घोल रहा है। जहरीले धुएं के कारण सेलाकुई से लेकर आसपास के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सांस लेने की दिक्कतें हो रही हैं। दमा के मरीज भी परेशान हैं। वहीं, दमकल विभाग ने आठ दिनों तक आग बुझाने के बाद अचानक मंगलवार को अपने वाहन और कर्मचारी आग बुझाने नहीं भेजे और आग बुझाने से साफ इनकार कर दिया है। विभाग के एफएसओ गिरीश चंद्र गौतम का कहना है कि आठ दिन तक रात दिन आग बुझाने का काम किया। कहा कि विभाग के पास और भी काम हैं। कूड़े की आग बुझाने के चक्कर में विभाग के अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पंद्रह से बीस अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह है। लोगों जागरूक करने के लिए अभियान चलाना है और जगह कहीं आग लग रही तो समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए प्लांट प्रबंधन को साफ इनकार कर दिया है और अपनी व्यवस्थाएं करने को कहा है। उधर, प्लांट के प्रबंधक रविंद्र चौधरी का कहना है कि आग नियंत्रण में है। दो वाहन नगर निगम के व बाजार से ट्रैक्टर वाली पानी की तीन टंकियां हायर कर दी हैं। इसके अलावा प्लांट में एक और नलकूप लगा दिया है। अब स्वयं ही आग बुझाने का काम किया जा रहा है। कोई दिक्कत नहीं है।