अध्यक्ष पद से भी हटाए गए चिराग
सूरजभान को बनाया गया कार्यकारी अध्यक्ष
कार्यकारिणी की बैठक बुला कर पशुपति को बनाया जाएगा नया अध्यक्ष
लोजपा में सुलह सफाई की अंतिम कोशिश भी नाकाम
नई दिल्ली (आरएनएस)। लोजपा में सुलह सफाई की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई है। सोमवार को चिराग पासवान को संसदीय दल का नेता पद से हटाने के बाद मंगलवार को उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी छुट्टी कर दी गई है। उनकी जगह सूरजभान को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इसी हफ्ते पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला कर पशुपति पारस को आधिकारिक रूप से पार्टी का अध्यक्ष बनाने की योजना है।
गौरतलब है कि रविवार को पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग के खिलाफ बगावत की थी। चिराग की जगह पशुपति को संसदीय दल का नेता चुने जाने की जानकारी लोकसभा सचिवालय को दी गई थी। इसके बाद सोमवार को ही लोकसभा सचिवालय ने लोजपा संसदीय दल में बदलावों को स्वीकार करते हुए इससे संबंधित सर्कुलर भी जारी कर दिया था।
चिराग ने तोड़ी चुप्पी पारस पर साधा निशाना
इस पूरे प्रकरण में चिराग ने ट्वीट के माध्यम से पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने लिखा कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए मैंने प्रयास किए लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं।
ट्वीट के साथ एक पत्र साझा करते हुए चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्होंने रामविलास के जीवित रहते भी पार्टी को तोडऩे की कोशिश की थी। 29 मार्च को लिखे पत्र को साझा करते हुए चिराग ने कहा है कि रामचंद्र पासवान के निधन के बाद से ही आपमें बदलाव देखने को मिला। पापा की तेरहवीं में भी मां को 25 लाख रुपये देने पड़े। पापा के जाने के बाद आपने बात करना बंद कर दिया। पत्र में सांसद प्रिंस राज पर रेप के आरोपों का जिक्र करते हुए चिराग ने याद दिलाया कि उस दौरान वह पूरे परिवार के साथ खड़े थे।