आत्मनिर्भर भारत के लिए प्राकृतिक एवं स्थानीय संसाधनों में तकनीकी का उपयोग जरूरी: प्रो. मिश्रा

अल्मोड़ा। बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान में पांच दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हो गई है। ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए बीटीकेआईटी के निदेशक प्रो़ बीएम मिश्रा ने देश-विदेश से जुड़े विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनने के लिए प्राकृतिक एवं स्थानीय संसाधनों में तकनीकी का उपयोग कर रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। संयोजक प्रो. सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि मैकेनिकल विभाग के कार्यक्रम में देश-विदेश के दर्जनों विशेषज्ञों एवं छात्रों ने प्रतिभाग करते हुए वर्तमान समय में तकनीकी का उपयोग करते हुए कम लागत में प्रोडक्ट तैयार कर वैश्विक स्तर पर आगे बढऩे के उपाय सुझाये गये। कार्यशाला में विदेश से प्रमुख रूप से क्रान्फील्ड विवि इग्लैंड से डा़ प्रतीक सक्सेना, क्वींसलैण्ड विवि आस्ट्रेलिया से श्रीलंका निवासी डा़ सिवारूपन, लंदन स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स से स्नातक उपाधि प्राप्त प्राची मंत्री व विजनैस एैनलिस्ट नीदरलैंड मौजूद रहे। प्रो़ सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि कार्यशाला की थीम गोइंग ग्रीन थी। जिसमें प्रकृति व पर्यावरण को ध्यान में रख उत्पादन को बढ़ाने के साथ तकनीकी का उपयोग करना था। जिसमें भारत से शैक्षिक व उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञ डा़ मानवेन्द्र तिवारी, डा़ अनीकेत कुमारदत्त, इंजीनियर गौतम आनंद भारतीय रेल सहित अमेरिका, सऊदी अरब, यूनाइटेड किंगडम आदि देशों के छात्रों ने भी प्रतिभाग किया। आयोजक मंडल के प्रो़ कपिल मोहन, अशोक बर्मा व डा़ रवि कुमार ने सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों का आभार जताया।


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