आपदा प्रभावित गावों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

नई टिहरी(आरएनएस)।  जिले के 98 आपदा प्रभावित गांवों की निगरानी के लिए सोमवार को डीएम मूयर दीक्षित ने 98 नोडल अधिकारियों को नामित किया है। डीएम ने नोडल अधिकारियों से आगामी 10 जून से पूर्व इन गांवों में रात्रि विश्राम कर आपदा प्रबंधन को लेकर कराए जाने वाले आवश्यक कार्यों की रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को जानकारी देते हुए डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि इंजीनियरिंग विभागों के यह अधिकारी संबंधित गांव में पूर्व में बादल फटने, भूस्खनल, नदी और गदेरे से हुए नुकसान, सड़क मलबा आदि से नुकसान का जायजा लेंगे। वहां अब तक कराए गए कार्य और नए कार्यों को लेकर भी ग्रामीणों से चर्चा करेंगे। मानसून सीजन में जनपद के संवेदनशील गांवों में दैवी आपदा का आकलन और प्रबंधन को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू की है। इसके तहत 98 आपदा प्रभावित गांवों का सर्वे कर वहां अनुमन्य कार्य किए जाने को लेकर 98 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। यह अधिकारी उनको आवंटित गांवों में रात्रि प्रवास कर समस्याएं देखेंगे। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट देंगे। डीएम ने बताया कि वहां कराए जाने वाले जरूरी कार्यों के लिए आपदा फंड से धनराशि की व्यवस्था कराई जाएगी। बताया कि चिन्हित 98 गांवों में टिहरी तहसील के 6, जाखणीधार 2, प्रतापनगर के 7, घनसाली के 14, बालगंगा के 16, कीर्तिनगर के सर्वाधिक 25, देवप्रयाग के 5, नरेंद्रनगर के 3, धनोल्टी के 17, नैनबाग के 3 गांव शामिल हैं। नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रात्रि प्रवास के दौरान ग्रामीणों सहित वहां तैनात अधिकारी-कर्मचारियों के साथ बैठक कर 18 जून तक संबंधित तहसीलों के एसडीएम के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। इन गांवों में धनोल्टी तहसील के वह गांव भी शामिल हैं जहां गत वर्ष बांदल नदी में मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हुआ था। आपदा के कारण प्रभावित पक्के व कच्चे घर, स्कूल, सार्वजनिक भवनों आदि की स्पष्ट जानकारी मांगी गई है।

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