आंदोलनकारियों ने मूल निवास और भूकानून पर मंथन किया
नई टिहरी(आरएनएस)। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की बैठक में सख्त भू-कानून, मूल निवास लागू करने, टिहरी बांध में उत्तराखंड की हिस्सेदारी, आउटसोर्सिंग कर्मियों का नियमितीकरण से लेकर कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। कहा कि इस सभी मुद्दों को एक दस्तावेज तैयार कर राज्य स्थापना दिवस के दिन राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। रविवार को मंच के जिलाध्यक्ष ज्योति प्रसाद भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर 8 नवंबर को स्मारक पर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही आंदोलनकारी विक्रम बिष्ट के द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज को विमोचित किया जाएगा। जबकि स्थाई निवास व्यवस्था समाप्त कर मूल निवास लागू करने, राज्य में सख्त भू-कानून बनाने, टिहरी बांध में उत्तराखंड की हिस्सेदारी तय करने समेत अन्य समस्याओं पर दस्तावेज तैयार कर नौ नवंबर को राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। कहा कि सरकार ने स्थाई राजधानी, मूल निवास, भू-कानून जैसे प्रमुख मुद्दों पर चुप्पी साधी हुई है। जिस कारण यहां के लोगों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। कहा कि सरकार ने ज्वलंत मुद्दों का निराकरण नहीं किया तो आंदोलनकारी फिर से सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। इस मौके पर महिपाल नेगी, महावीर उनियाल, राजेंद्र बहुगुणा, शांति प्रसाद भट्ट, हरिकृष्ण लांबा, विक्रम कठैत, देवेंद्र नौडियाल, उत्तम तोमर, मुशर्रफ अली, सुंदर सिंह कठैत, मनोहर चौहान, जमुना प्रसाद भट्ट, लक्ष्मी नौडियाल आदि मौजूद थे।