आज और कल प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश
मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून ने आज और कल प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का भी अंदेशा जताया है। कल पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील में अतिवृष्टि से मलवे में दबी महिला की तलाश एसडीआएफ द्वारा अभी भी की जा रही है। बंगापानी तहसील से संपर्क कटने के बाद ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई है। यहां ग्रामीण क्षेत्रांे को जोड़ने वाली सड़कें बंद पड़ी है। इसकी एक बानगी चैना गांव में देखने को मिली। जहां एक प्रसुता को डिलीवरी के लिए ग्रामीणों ने डोली के माध्यम से 8 किलोमीटर का सफर तय किया। मदकोट के स्वास्थ्य केंद्र में प्रसुता ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। वहीं, बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में लगातार भारी बारिश होने से सरयू नदी उफना गई है। वहीं, भारी बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को अन्य स्थानों में शिफ््ट कर दिया है। लगातार हो रही बारिश से जिले में एक राज्य मोटर मार्ग और 21 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। कल शाम कपकोट के बालीघाट-धरमघर सड़क पर उडियार नामक स्थान पर कलमठ ध्वस्त हो गया था जिससे वहां से गुजर रही एक कार क्षतिग्रस्त होकर कलमठ में समा गई। गनीमत यह रही कि कार में सवार चार लोग कलमठ धंसने का अंदेशा होने पर कार से सुरक्षित बाहर आ गए थे। सरयू नदी किनारे बागनाथ मंदिर के पास के सभी घाट पानी में डूब गए हैं। सरयू नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है। इधर प्रशासन लगातार लोगों को अलर्ट करने के साथ ही अवरूद्व मोटर मार्गों को खोलने में लगा हुआ है। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदा की दृृष्टि से अतिसंवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि बचाव एवं राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन और जनसहयोग के साथ-साथ उत्तराखण्ड एसडीआरएफ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।