सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के संरचनात्मक विकास की कवायद तेज
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय की घोषणा हो चुकी है परन्तु अभी विवि के तंत्र की संरचना विकसित करने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनएस भंडारी ने बताया कि अस्तित्व में आने के बाद अब इसकी प्रशासनिक व्यवस्था एवं संरचनात्मक ढ़ाचागत जरूरतों को पूरा करने को लेकर शासन स्तर पर प्रयास तेज हो गये है। शनिवार को सोबन सिंह जीना विवि के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी ने पत्रकार वार्ता कर विवि के बारे में विस्तार पूर्वक परिचर्चा की। उन्होंने बताया कि एसएसजे परिसर अल्मोड़ा समेत कुमाऊं के 37 महाविद्यालयों की नये विवि से सम्बद्धता किये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिनमें 3 परिसर प्रस्तावित हैं तथा उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय का भी सोबन सिंह जीना विवि में विलय होना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सत्र में नए छात्र छात्राओं के पंजीकरण कुमाऊं विवि द्वारा कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की सम्पत्तियों, परिसम्पत्तियों, कार्मिकों के स्थानांतरण तथा संरचना एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सुझाव देने के लिए कुमाऊॅ विवि एवं सोबन सिंह जीना विवि के रजिस्ट्रार, कैंपस डीन, वित्त नियंत्रक आदि की 18 सदस्यीय टीम बनाई गई है जो अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी। जिसके बाद विवि की प्रवेश प्रक्रिया, संरचना, परिनियमावली निर्माण, संबद्धता, परीक्षाओं, बजट, वेबसाइट, लोगो आदि का काम किया जायेगा।
बताते चलें कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। वर्तमान तक सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय तथा कुलसचिव कार्यालय में सभी कार्य उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कर्मचारियों द्वारा ही किए जा रहे हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान कुलसचिव डॉ0 बिपिन चंद्र जोशी, विश्वविद्यालय के कर्मचारी ईश्वर बिष्ट, विनीत काण्डपाल, आलोक वर्मा, रवि अधिकारी, गोविंद मेर, राकेश साह, सोनु आदि मौजूद रहे।