
पौड़ी। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के दावे हमेशा से किए जाते हैं लेकिन दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर होते हैं। उत्तराखंड में खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। जहां के अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। आए दिन स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के मामले उजागर होते रहते हैं पर सरकार और प्रशासन आंखें मूंदकर बैठी रहती है। ना जाने कितने लोगों ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से अपनी जान गँवा दी हैं। पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र की हालत भी ऐसी ही है। यहां डॉक्टर ने एक बच्चे के हाथ फ्रैक्चर होने पर गत्ते का प्लास्टर लगा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पौड़ी गढ़वाल के पोखार गांव की बच्ची का हाथ टूटने पर रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र आई थी, जहां चिकित्सक ने बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर होने पर गत्ते का प्लास्टर लगाकर भेज दिया। चिकित्सकों की दलील थी कि हमारे पास एक्सरे मशीन चलाने के लिए कर्मचारी नही हैं और ऑर्थोपेडिक चिकित्सक नही है इसलिए आप को इस जुगाड़ में रहना होगा। हालांकि स्वास्थ्य केंद्रों के लिए लाखों, करोड़ों का सामान खरीदा गया पर अब मशीन धूल खा रही हैं और ग्रामीण इलाकों में मरीज परेशानी में जी रहे हैं।