पढ़ाई के लिए विदेश भेजने के नाम पर 14 लाख की धोखाधड़ी
रुद्रपुर। विदेश में पढ़ाई के भेजने के नाम पर छात्र से 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में थाना ट्रांजिट कैंप पुलिस ने पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों ने छात्र को विदेश के एक कॉलेज का लेटर भी दिया था जो जांच में फर्जी निकला था। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट की शरण ली थी।
गांव पकड़िया हकीम, पोस्ट बेहता सनवट पुवायां जिला शाहजहांपुर यूपी निवासी सुखदेव सिंह ने अदालत को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि इंटर की परीक्षा के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रहा था। आईलिट्स की तैयारी के दौरान उसकी मुलाकात प्रजीत सिंह निवासी ग्राम वीर खेड़ा, पीलीभीत, यूपी से हुई। बातचीत में उसने बताया कि वह भी आईलिट्स की तैयारी कर रहे हैं और विदेश जाने के लिए उन्होंने रुद्रपुर की एक फर्म एक्सीलेंसी वीजा कंसलटेंट से वीजा और कॉलेज के लिए संपर्क किया है। जून 2021 में वह फर्म के आवास विकास स्थित कार्यालय रुद्रपुर गया। दफ्तर में उसकी मुलाकात मनदीप सिंह व उनकी पत्नी रूपिंदर कौर निवासी डी-24/3 ईस्ट ज्योति नगर मंडोली सबोली, नार्थ ईस्ट दिल्ली हाल निवासी सिंह कॉलोनी रुद्रपुर, गुरविंदर सिंह निवासी ग्राम सकैनिया थाना गदरपुर, हरप्रीत सिंह निवासी बिलासपुर रामपुर से हुई। उन्होंने बताया कि उनका अनुबंध कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कॉलेजों से है। उन्होंने विदेश में पढ़ाई का खर्चा 15 लाख रुपये बताया। इसके बाद जुलाई 2021 में पीड़ित अपने पिता गुरमेज सिंह व मामा दलवीर सिंह के साथ एक्सीलेन्सी वीजा कंसलटेंट के कार्यालय पहुंचा। मनदीप सिंह एवं उसके सभी पार्टनरों ने उसके पिता व मामा को सारी औपचारिकताएं बताई। इसके बाद उन्होंने नगद पांच लाख रुपये जमा कर दिये। इसके बाद उनके बताये खाते में अलग-अगल तिथियों में कुल 8.70 लाख रुपये जमा किये। जिसके बाद उन्होंने एक्सेस बिजनेस कॉलेज का एक ऑफर लेटर भेजा और कागजात की मूल कॉपी मांगी। जो वह उनके कार्यालय में जमा कर आया, लेकिन आज तक उन्होंने उस कॉलेज में पीड़ित का न एडमिशन कराया और न ही फोन पर कोई रिस्पांस दिया। एक्सेस बिजनेस कॉलेज से ऑनलाइन जानकारी जुटाई तो वह ऑफर लेटर भी फर्जी निकला। पीड़ित ने जब अपने रुपये मांगे तो रिपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने पुलिस में मामले की शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।