अघोषित बिजली कटौती से छूटेंगे उपभोक्ताओं के पसीने

देहरादून। उत्तराखंड में अब अघोषित बिजली कटौती से आम जन को परेशानी झेलनी होगी, क्योंकि बिजली उत्पादन में कमी आ रही है। अचानक से बिजली संकट गहरा गया है। कटौती का असर राज्य में उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों समेत छोटे शहरों पर पड़ रहा है। रोजाना डेढ़ से साढ़े छह घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। इसके कारण राज्य में अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है।

40 मिलियन यूनिट की मांग के सापेक्ष 31 मिलियन यूनिट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है। बाजार में भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जो उपलब्ध भी हो रही है, उसके दाम भी रिकॉर्ड 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं। इस समय यूजेवीएनएल से यूपीसीएल को प्रति दिन 13.5 मिलियन यूनिट बिजली मिल पा रही है। जबकि डिमांड 40 मिलियन यूनिट के करीब है। बड़े शहरों को छोड़ सब जगह कटौती, इस समय राज्य के शहरी क्षेत्र को छोड़ कर अधिकतर जगह कटौती हो रही है। पहले उद्योगों में तीन से साढ़े तीन घंटे की कटौती की गई। बाद में छह से साढ़े छह घंटे तक की कटौती करनी पड़ी। राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से साढ़े तीन घंटे तक की कटौती हो रही है। छोटे शहरों में यही कटौती डेढ़ से दो घंटे तक की जा रही है। बाजार से पर्याप्त बिजली उपलब्ध न होने पर रोस्टिंग करनी पड़ रही है। इसका असर राज्य के बड़े शहरों यूएसनगर, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार के शहरी क्षेत्र को छोड़ कर सब जगह पड़ रहा है। बिजली का संकट पिछले कई दिनों से ही पैदा हो गया है। इस दौरान यूपीसीएल को एक दिन में 15 करोड़ तक की बिजली खरीदनी पड़ रही है। चार दिनों में यूपीसीएल 60 करोड़ की बिजली खरीद चुका है। बिजली की मांग और उपलब्धता में यही अंतर रहने और बाजार में बिजली के रेट इसी तरह बढ़े रहने पर यूपीसीएल में आर्थिक संकट गहरा सकता है। उपलब्धता कम होने पर बिजली कटौती और बढ़ सकती है।