दून विश्वविद्यालय में छुट्टी के दिन भी धरने पर बैठे छात्र
देहरादून। दून विश्वविद्यालय में भर्ती से लेकर कैफेटेरिया संचालन तक अनियमितताओं को आरोप लगाते हुए छात्रों ने शुक्रवार को सरकारी अवकाश के बावजूद धरना दिया। उनका कहना है कि मामलों की जांच होने तक धरना खत्म नहीं होगा।
छात्रों ने आरोप लगाया कि विवि हॉस्टल में मैस और कैफेटेरिया के लिए बिना टेंडर प्रक्रिया के चहेतों को काम दिया गया। ये भी आरोप है कि वहां गलत तरीके से कई कर्मचारियों की भर्ती की गई, जो कि सरकारी और यूजीसी के नियमों के खिलाफ हुआ। कई विभागों की स्क्रीनिंग कर वेबसाइड पर नहीं डाला गया। छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि कुछ समय पहले कामर्स के लिए कान्ट्रेक्ट पर नियुक्ति की गई, जिसमें अपने चहेते लोगों को नियम विरुद्ध नियुक्ति दी गई। उन्होंने सभी मामलों की जांच की मांग की है। इस दौरान छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष सतेंद्र सिंह चौहान, नवीन चौहान, अंशुमन नौटियाल, अंशुल सिंह, अनुभव बड़वानी, आयुष रौतेला, शिवम भट्ट आदि मौजूद रहे।
जो छात्र धरने पर बैठे हैं, वे गलत हैं और उनके आरोप पूरी तरह बेबुनियाद। यहां कोई नियुक्ति बिना नियम विरुद्ध नहीं हुई। जहां तक कैफेटेरिया संचालन का सवाल है तो वो बंद था और उसे महिलाओं के एक सेल्फ हेल्प ग्रुप को दिया गया है। वो भी कई शर्तों के साथ। इसमें कुछ गलत नहीं हुआ। बल्कि बुधवार रात छात्रों ने कैफेटेरिया में उत्पात मचाकर उसे बंद कराया। इस मामले को दबाने के लिए अब ये धरना दिया जा रहा है।
-प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून विवि