नई दिल्ली। देश में सितंबर महीने में महंगाई, शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में कम है लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाकों में कई जरूरी चीजों के दाम शहरों से ज्यादा हैं। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुकाबले देश में गुजरात, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाके महंगे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और झारखंड के शहरी इलाकों की महंगाई पिछले साल के मुकाबले इस सितंबर में ज्यादा है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2020 में 7.27 फीसदी के मुकाबले इस साल सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई 4.35 फीसदी पर आ गई है। इसमें से ग्रामीण महंगाई पिछले साल सितंबर में 7.36 के मुकाबले इस साल 4.13 फीसदी पर है। वहीं, शहरी महंगाई 7.26 फीसदी से घटकर 4.57 फीसदी पर पहुंच गई है।
गांवों में महंगे : ग्रामीण इलाकों की बात की जाए तो यहां कपड़े, चप्पल जूते जैसी चीजें शहरों के मुकाबले महंगी हैं। साथ ही खाने पीने से जुड़े चीजें जैसे मांस, मछली, अंडे, तेल-घी, दालें, मसाले यहां तक की शिक्षा भी शहरों के मुकाबले ज्यादा महंगी है।
गांवों में सस्ते: अगर सस्ती चीजों की बात की जाए तो शहरों के मुकाबले गांवों में ईंधन और बिजली, सब्जियां, दूध, ट्रांसपोर्ट और मनोरंजन से जुड़ी चीजें गांवों में सस्ती हैं।
वहीं, अगर राज्यों की बात की जाए तो गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां ग्रामीण इलाकों में महंगाई शहरी के मुकाबले ज्यादा है। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में हालात उल्टे हैं। यहां शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाके सस्ते हैं।
ईंधन के बढ़ते दाम का असर अभी और होगा
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में ईंधन के दाम बढ़ते रहे तो उसका प्रभाव बाकी चीजों की महंगाई में इजाफे के तौर पर देखा जा सकता है। पेट्रोल, डीजल के दामों में रोजाना बढ़त के साथ-साथ देश में पीएनजी और सीएनजी के दाम भी महीने में दूसरी बार बढ़े हैं। केयर रेटिंग का अनुमान है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम के दामें में इजाफा देखा गया तो उसका प्रभाव देश में बाकी उत्पादों की महंगाई पर भी देखा जा सकता है।