
कोरोना से जान गंवाने वालों को किया याद
नई दिल्ली (आरएनएस)। पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी लहर में बच्चों के शिकार होने की आशंका को लेकर कहा कि 2 टीकों पर ट्रायल चल रहा है। यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि एक नेजल वैक्सीन पर भी काम चल रहा है, जिसका नाक में छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिकता के आधार पर हेल्थ वर्कर्स और अधिक आयु के लोगों को टीके लगाए थे। यदि हेल्थ वर्कर्स को दूसरी लहर से पहले वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता। ज्यादा से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीका लगने के चलते ही वे दूसरों की सेवा में लग पाए और लाखों लोगों का जीवन बचा पाए।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के लगातार कम होते मामलों के बीच देश के सामने अलग-अलग सुझाव आने लगे। यह भी कहा जाने लगा कि आखिर राज्य सरकारों को टीकों और लॉकडाउन के लिए छूट क्यों नहीं मिल रही है। इसके लिए संविधान का जिक्र करते हुए यह दलील दी गई कि आरोग्य तो राज्य का विषय है। इसके बाद केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस तैयार कीं और राज्यों को छूट दी कि वे अपने स्तर पर प्रतिबंध लागू कर सकें। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल 16 जनवरी से 30 अप्रैल तक वैक्सीनेशन का कार्यक्रम केंद्र की देखरेख में ही आगे बढ़ा था। इस बीच कई राज्य सरकारों ने कहा कि वैक्सीन का काम डिसेंट्रलाइज किया जाए। कई तरह के स्वर उठे कि वैक्सीनेशन के लिए आयु वर्ग क्यों बनाए गए। कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है। काफी चिंतन-मनन के बाद यह फैसला हुआ कि यदि राज्य सरकारें अपनी ओर से प्रयास करना चाहती हैं तो भारत सरकार क्यों ऐतराज करे।