
अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमेश सिंह पाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘मनस-विद’ का विमोचन शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ पाल को बधाई देते हुए कहा कि आध्यात्मिकता भारतीय सनातन परंपरा का अभिन्न अंग रही है और वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में आध्यात्मिक विषयों पर आधारित पुस्तकों का महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के रूप में जाना जाता है और प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुरूप राज्य आध्यात्मिक राज्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय ने कहा कि डॉ रमेश सिंह पाल का यह प्रयास सराहनीय है। उनकी पुस्तकें सनातन धर्म के विभिन्न आध्यात्मिक पहलुओं को समाज तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं और पाठकों को आत्मचिंतन की दिशा में प्रेरित करती हैं। बताया गया कि ‘मनस-विद’ डॉ पाल की छठी पुस्तक है। यह उनकी प्रसिद्ध अंग्रेजी पुस्तक ‘आई नो द ह्यूमन माइंड’ का हिंदी रूपांतरण है। पुस्तक में मानव मन के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ मनो-आध्यात्मिक रहस्यों पर प्रकाश डाला गया है। डॉ पाल की पुस्तकों को देश की संसद पुस्तकालय सहित कई विश्वविद्यालयों और भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों के पुस्तकालयों में स्थान मिला है। इसके साथ ही डॉ पाल को यूनेस्को की समावेशी नीति प्रयोगशाला के लिए भारत से नामित विशेषज्ञ के रूप में भी चयनित किया गया है। पुस्तक विमोचन के दौरान डॉ रमेश सिंह पाल ने विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में संचालित शोध कार्यों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधायक किशोर उपाध्याय के अलावा सिंगापुर से आए संभाला कोदो के मालिक मास्टर लिमसे फोन, सतबोध फाउंडेशन देहरादून के अध्यक्ष योगी सीमांत, सैम रिचर्डस, हर्ष तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ पाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधायक किशोर उपाध्याय का आभार जताया और सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। डॉ पाल की इस उपलब्धि से अल्मोड़ा में खुशी का माहौल है। संस्थान के निदेशक और कर्मचारियों के साथ ही महापौर अजय वर्मा ने भी डॉ रमेश सिंह पाल को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।


