
अल्मोड़ा। राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर गुरुवार को आयुर्वेदिक यूनानी सेवा विभाग, अल्मोड़ा की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देघाट के मैदान में वृहद आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। शिविर का आयोजन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मोहम्मद शाहिद के निर्देशन में किया गया। मुख्य अतिथि विधायक महेश जीना ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भारत की मूल चिकित्सा प्रणाली है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों का उपचार करती है। उन्होंने डॉ. मोहम्मद शाहिद के नेतृत्व में जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सा के विस्तार की सराहना करते हुए सल्ट विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन और चिकित्सालय खोलने का आग्रह किया। विधायक ने कहा कि यदि आयुर्वेद विभाग इस दिशा में पहल करता है तो वे भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेंद्र नेगी और ब्लॉक प्रमुख मथुरा दत्त ने भी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सराहना की तथा विभागीय टीम के प्रयासों को सराहा। शिविर में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के 11 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 288 रोगियों का उपचार किया। पंचकर्म और लीच थेरेपी के माध्यम से त्वचा रोगों का उपचार किया गया। लाल पैथोलॉजी फाउंडेशन के तत्वावधान में रक्त की 122 जांचें की गईं। न्यूरो थेरेपी विशेषज्ञ डॉ. पंकज वर्मा ने 10 से अधिक रोगियों को उपचार लाभ प्रदान किया। डॉ. मोहम्मद शाहिद ने कहा कि विभाग दूरस्थ क्षेत्रों में आयुर्वेदिक सेवाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस तरह के शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक चिकित्सा को सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. विश्वास ने विभाग के प्रति सहयोग और समर्थन की प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुकेश कुमार गुप्ता ने किया। शिविर में डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. जितेंद्र पपनोई, डॉ. मंजू पाल, डॉ. नम्रता भट्ट, डॉ. योगेंद्र, डॉ. सीमा कोहली, डॉ. दीप्ति दुर्गापाल, डॉ. पोली भक्त, डॉ. योगेश, डॉ. गजेन्द्र टम्टा और डॉ. शैलेन्द्र डागर सहित कई चिकित्सकों ने योगदान दिया।



